मोदी सरकार ने पूरे किए 100 दिन , अभी आगे हैं सबसे बड़ी चुनौती…

भारत की सरकार नरेंद्र मोदी ने पीएम पद को सभालते हुए कार्य को 100 दिन पूरे हो चुके हैं. वहीं देखा जाये तो अनुच्छेद 370 हटाने के बाद तीन तलाक , सड़क सुरक्षा, आतंकवाद पर लगाम जैसे बड़े फैसले लिए हैं. लेकिन कश्मीर में अयोध्या में राममंदिर निर्माण और एनआरसी विवाद सुलझाने जैसी चुनौतियां भी हैं.

खबरों के मुताबिक मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन में सबसे बड़ी चुनौती आर्थिक मोर्च पर मिल रही है. इन दिनों देश की अर्थव्यवस्था पर आर्थिक मंदी के संकट मंडरा रहे हैं. देश की जीडीपी का 5 फीसदी तक पहुंच जाना अगले 5 साल के लिए एक खतरे की घंटी है. लेकिन इसका असर देश के शेयर मार्केट और सोने की कीमतों पर भी दिख रहा है. तमाम सेक्टर में मंदी की आहट आई है.

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जहां ऐसे में मोदी सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती अर्थव्यवस्था को रफ्तार देना है जिसके लिए सरकार अब कुछ कदम उठाती नजर आ रही. आर्थिक मंदी को काउंटर करने के लिए मोदी सरकार ने बैंकों का विलय करने जैसे कदम उठाए हैं.  मंदी की चपेट में आयी अर्थव्यवस्था को अगले 100 दिनों में नियंत्रण करना आसान नहीं है.

दरअसल देश में आर्थिक मंदी की आहट के चलते इस वक्त मोदी सरकार के सामने बड़ी चुनौती देश में बढ़ती बेरोजगारी है. देखा जाये तो मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में वृद्धि दर पिछले साल के मुकाबले 12 फीसदी से घटकर महज 0.6 फीसदी रह जाने से इस क्षेत्र में अब लाखों लोगों की नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है.

लेकिन इसके अलावा ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल समेत कई सेक्टरों में गिरावट के चलते बड़ी संख्या में लोगों की नौकरी जाने का संकट छाया हुआ है. ये संकट फिलहाल 100 दिनों तक ऐसे ही बने रहने की संभावना है. ऐसे में मोदी सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है.

जहां असम में एनआरसी के चलते 9 लाख लोगों के सामने अपनी नागरिकता को लेकर संकट खड़ा हो गया है. NRC विवाद को हल करना भी मोदी सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती है. मोदी सरकार पिछले कार्यकाल से एनआरसी के मुद्दे को उठा रही है.
वहीं इससे देश के सीमावर्ती राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर भी मुश्किल खड़ी हुई थी. ऐसे में सरकार के सामने असम में एनआरसी के मुद्दे को सुलझाना एक बड़ी चुनौती है.
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