
नई दिल्ली : मतगणना से पहले विपक्ष को एकजुट रखने और राष्ट्रपति से मिलने की रणनीति सिरे चढ़ती नहीं दिख रही है। टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नतीजों से पहले विपक्षी दलों की बैठक को ना कह दिया है, वहीं बसपा प्रमुख मायावती और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने फिलहाल इस पर कोई जवाब नहीं दिया है।
जहां आंध प्रदेश के सीएम और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू इस बैठक के लिए विपक्षी दलों से संपर्क साधने में जुटे हैं। इस क्रम में उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, ममता सहित करीब डेढ़ दर्जन क्षेत्रीय दलों के नेताओं से संपर्क साधा है।
जहां विपक्ष का मानना है कि इस बार किसी भी दल तो दूर किसी गठबंधन को बहुमत हासिल नहीं होगा। ऐसी स्थिति में सत्तारूढ़ एनडीए का नेतृत्व करने वाली भाजपा दूसरे दलों के नेताओं को साथ लाने की पहल करेगी। ऐसे में देखा जाये तो विपक्षी दल चाहते हैं कि नतीजे आने से पहले ही एनडीए को सत्ता में दोबारा आने से रोकने की रणनीति बना ली जाए, ताकि विपक्षी एकता में सेंध न लग पाए।
दरअसल ममता, माया, अखिलेश जैसे नेता गैर कांग्रेस-गैर भाजपा सरकार के पक्ष में हैं। ऐसे में ये नेता नतीजा आने से पहले कांग्रेस की अगुवाई में होने वाली बैठक से दूर रहना चाहते हैं।