इस प्रसिद्ध पहाड़ी की गुफा में मिला गणेश भगवान का कटा सिर, जांच के बाद भव्य मंदिर बनना शुरू
नई दिल्ली। भगवान गणेश को हिंदू धर्म में प्रथम पूज्य माना गया है। उनके जन्म के बारे में कई कथाएं प्रचलित हैं। ऐसा कहा जाता है कि एक बार माता पार्वती स्नान करने जा रही थीं लेकिन वो चाहती थी की स्नान करते समय कोई भी उन्हें परेशान न करें।
इसलिए उन्होनें एक सुंदर बालक को उत्पन्न किया और उसे अपना द्वारपाल बनाकर पहरा देने का आदेश दिया। तभी भगवान शिव वहां आये और अन्दर प्रवेश करने लगे, तब बालक ने उन्हें बाहर रोक दिया।
इसपर शिवजी को क्रोध आ गया और उन्होनें गुस्सें में बालक का सिर धड़ से अलग कर दिया। बाद में माता पार्वती के कहने पर उस बालक के ऊपर हाथी का सिर जोड़कर जिवित कर दिया परंतु जो सर शिव जी ने बालक के सर से अलग किया था उसे इस गुफा में रख दिया था।
पहले जांच अब निर्माण
हिंदू धर्म में उतराखंड के पिथौरागढ़ के पाताल भुवनेश्वर गुफा की बड़ी मान्यता है। ये गुफा किसी आश्चर्य से कम नही है क्योकिं ये गुफा पहाड़ी से करीब 90 फिट अंदर है। यह गुफा उत्तराखंड के पहाड़ी वादियों के बीच बसे सीमान्त कस्बे गंगोलीहाट में स्थित है।
प्रसिद्ध हुई गुफा
ये गुफा में बहुत सारी चीजों के लिए प्रसिद्ध है पर जिसके लिए यह सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है वो है यहां मौजुद गणेश जी का कटा हुआ मस्तक। जी हां, इस जगह पर गणेश जी का कटा हुआ सर मौजुद है। इस गुफा में गणेश जी कटे सर के मुर्ति के ठीक ऊपर 108 पंखुड़ीयों वाला ब्रह्मकमल सुशोभित है। इस कमल से निरंतर गणेश जी के मस्तक पर पानी की बुंदे टपकती रहती है।
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ऐसी मान्यता है कि शिव जी ने ही यहां पर ब्रह्मकमल स्थापित किया था। यही नही इस गुफा में कुल 33 करोड़ देवी-देवता की मूर्तियां स्थापित है।
https://youtu.be/VTxGo3-mWcM?t=1