
देहरादून। उत्तराखंड में मौसम ने तो अपना रुख बदल लिया है लेकिन लोगों की परेशानियां तो खत्म होने का मान ही नहीं ले रही है। लोगं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बदरीनाथ हाईवे तीसरे दिन भी नहीं खुल पाया। जिससे यात्रियों को कितनी मुश्किले उठानी पड़ रही है।
चारधाम करने आये यात्री पैदल ही अपना यात्राएं करते हुए धाम पहुंच रहे है। मार्ग बाधित होने से 1025 यात्री फंसे हुए हैं। उधर, कुमाऊं मंडल में पिथौरागढ़ जिले में थल-मुनस्यारी मोटर मार्ग मलबा आने से 11 घंटे बंद रहा।
ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग शुक्रवार दोपहर लामबगड़ में मलबा आने से बाधित हो गया था। राष्ट्रीय राजमार्ग खंड रुद्रप्रयाग ने देर शाम कुछ मलबा हटाकर छोटे वाहनों के लिए हाईवे खोल दिया था, लेकिन शाम को पहाड़ी से फिर मलबा आने से रास्ता बाधित हो गया। क्षेत्र में सुबह बारिश होने के चलते हाईवे को खुलवाने का कार्य शुरू नहीं हो पाया। देर शाम तक भी यही स्थिति बनी हुई थी।
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बदरीनाथ जाने वाले यात्री पडग़ासी पैदल मार्ग से तीन किमी तक की पैदल दूरी तय कर लामबगड़ के दूसरे छोर पर पहुंचे। वाहनों से बदरीनाथ जाने वाले यात्रियों को पांडुकेश्वर में रोका गया है। गोविंदघाट और पांडुकेश्वर में 300, जोशीमठ में 500 और बदरीनाथ धाम में 225 यात्री फंसे हुए हैं। जबकि 90 यात्री धाम से पैदल पडग़ासी मार्ग से वापस आए। 150 यात्री पैदल मार्ग से बदरीनाथ धाम के लिए रवाना हुए।
कुमाऊं में शनिवार को पिथौरागढ़ व नैनीताल जिलों में कुछेक स्थानों पर भारी बारिश हुई। पिथौरागढ़ जिले में थल-मुनस्यारी मोटर मार्ग 11 घंटे बंद रहा। दर्जनों वाहन रास्ते में ही फंसे रहे। जबकि बलुवाकोट-पय्यापौड़ी सड़क पर चट्टान दरक गई। इससे सड़क किनारे स्थित कई घरों में मलबा भर गया। बंगापानी तहसील के घिंघरानी गांव में जबर्दस्त भूस्खलन हो रहा है। इससे ग्रामीण दहशत में हैं। कुछ परिवार गांव छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पनाह लेने लगे हैं।