पढ़िये पवन जल्लाद की कहानी उन्हीं की जुबानी, मुश्किल हालातों में जी रहा परिवार
REPORT:- लोकेश टण्डन/मेरठ
‘जल्लाद’ एक ऐसा नाम है जिसके मात्र सुनने से ही दिल और दिमाग में एक अजीब सी तस्वीर बन जाती है। लोग कल्पना करते हैं कि जल्लाद लंबा चौड़ा व्यक्ति होगा, उसकी लम्बी-लम्बी मूछें होंगी, माथे पर बड़ा सा काला तिलक लगाया होगा, काले रंग के कपड़े पहने होंगे….. लेकिन यह मात्र एक कल्पना ही है क्योंकि असल जल्लाद से हम आज आपको मिलवाने जा रहे हैं…..
यह जो व्यक्ति खड़ा है यह है मेरठ का रहने वाला पवन जल्लाद। पवन के दादा कालू जल्लाद फांसी देने का काम किया करते थे, उसके बाद पवन के पिता मम्मू जल्लाद ने ये जिम्मेदारी संभाली, पवन भी अपने इस पुश्तैनी काम को बखूबी निभा रहे हैं। देखने में तो पवन की लंबाई बहुत छोटी है लेकिन पवन के इरादे बहुत बड़े हैं। क्योंकि अब पवन निर्भया कांड के चारों आरोपियों को एक साथ फांसी पर लटकाने वाले हैं और इसकी पुष्टि उत्तर प्रदेश के डीजी जेल ने कर दी है।
पवन से जब हमारे संवाददाता लोकेश टंडन ने एक्सक्लूसिव बातचीत की तो पवन का कहना है कि वह ऐसे घिनौना कृत्य करने वाले आरोपियों को फांसी देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। पवन ने फांसी देने की पूरी प्रक्रिया भी हमारे साथ साझा की. उन्होंने बताया कि जिस दिन फांसी दी जाती है उस दिन सुबह 3:00 बजे उनको जगा दिया जाता है और उसके बाद जुट जाते हैं वह अपनी फांसी देने की तैयारी में. पवन ने बताया कि चार आरोपियों को भी वह एक साथ एक ही बार में फांसी दे सकते हैं जिसके लिए वो लगातार रिहर्सल भी कर रहे हैं।
पवन ने बताया कि उत्तर प्रदेश में सिर्फ दो ही जल्लाद हैं । एक जल्लाद लखनऊ में है और वो उम्र ज्यादा और बीमार होने के कारण फांसी देने की कंडीशन में नहीं है। इसीलिए उत्तर प्रदेश से सिर्फ पवन जल्लाद को ही तिहाड़ जेल भेजा जाएगा। हालांकि पवन जल्लाद को फांसी से पहले ही सुरक्षा भी मुहैया करा दी गई है।
लाइव टुडे से बात करते हुए पवन जल्लाद का दर्द भी उनकी जुबान पर आ गया। पवन जल्लाद का कहना है कि उनको शासन द्वारा सिर्फ 5000 ही मानदेय दिया जाता है जबकि उनकी बीवी घरों में चौका बर्तन करके अपने बच्चों का पेट पाल रही है। ऐसे में उन्होंने सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ से गुहार भी लगाई है कि उनका मानदेय बढ़ाकर 20000 कर दिया जाए ताकि वह अपने परिवार का भरण पोषण ठीक तरह कर सकें।
पवन जल्लाद के बड़े बेटे अमन ने लाइव टुडे से एक्सक्लुसिव बात करते हुए कहा कि अमन अपने माता-पिता का हाथ बंटाने के लिए पढ़ाई के साथ-साथ प्राइवेट नौकरी भी करते हैं। अमन ने बताया कि कुछ समय पहले उनका मकान भी मानसून के कारण भरभरा कर गिर गया था जिसमें उनकी माता, बहन, भाई और खुद अमन भी मलबे के नीचे दब गए थे और गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
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तब भी उन्होंने सीएम से सहायता राशि मांगी थी जिसके तहत वह राशि उनके घर पहुंचते-पहुंचते मात्र 7000 रह गई थी। अमन ने बताया कि पांच बहने जिनमें से चार की शादी हो चुकी है और दो भाई और एक बहन अभी कुंवारे हैं जिनकी शिक्षा से लेकर शादी तक का खर्च उठाना काफी मुश्किल है। इसलिए केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि उनके पिता का वेतन बढ़ाया जाए ताकि वह अपने परिवार की जिम्मेदारी उठा सकें।
वहीं अमन का कहना है कि जल्लाद यानी कि फांसी देना उनका पुश्तैनी काम रहा है और ऐसे लोगों को फांसी देकर वह अपने आपको गौरवान्वित महसूस करते हैं साथ ही उनका कहना है सरकार अगर उनको मौका देती है तो वह भी अपने पिता के साथ उन आरोपियों को फांसी देने जाएंगे और अपना पुश्तैनी काम आगे बढ़ाएंगे…यानी कि अमन भी अब पवन के बाद अमन जल्लाद बनना चाहते हैं……