प्रागराज डेंगू: कोर्ट ने अधिकारियों की लापरवाही पर लगाई फटकार, डेंगू से एक और की हुई मौत
शकुन्तला
देव नगरी प्रयागराज में वायरल बुखार और डेंगू से हालत काफी गंभीर हो चुकी है। कोरोना महामारी के बाद डेंगू लोगो के लिए नई आफत बन गया है। ऐसे में हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी विभाग की तरफ से इसके लिए कोई खास कदम न उठाने से लोगो में काफी घबराहट बनी हुई है। हाई कोर्ट की फटकार के बाद यूपी के मुख्य सचिव ने जिला प्रशासन अधिकारियो के साथ बैठक कर डेंगू पर नियंत्रण पाने के लिए सख्त और त्वरित कदम उठाने के आदेश दिये है। लेकिन उसके बाद भी अधिकारियो की तरफ से दिलाई ही दिख रही है।
बुधवार को लखनऊ के मेदांता हॉस्पिटल में शिवकुटी के सुन्दरबाग निवासी एक 50 वर्षीय महिला आरती श्रीवास्तव की इलाज के दौरान मौत हो गयी है। प्रदेश के अधिकाँश घरो में डेंगू के मरीज है जबकि जिले में घोषित तौर पर डेंगू के सिर्फ 37 मरीज ही है वही प्राइवेट पैथालाजी और अस्पतालों में हुई जाँचो में लगभग 400 लोग डेंगू से प्रभावित है। जिससे अस्पतालों में स्थिति एक बार फिर से चिंताजनक हो गयी है। अस्पतालों मे डेंगू के लिए जितने बेड आरक्षित किये है उनपे जितने मरीज रोज डिसचार्ज किये जा रहे है उतने ही मरीज रोज आ रहे है। कई मरीज तो ऐसे भी आ रही है जिनकी डेंगू रिपोर्ट निगेटिव होने के बाद भी प्लेटलेट्स गिर रही है।
तेजी से गिरती प्लेटलेट्स बनी पहेली और मुसीबत
इस बार मरीजों की प्लेटलेट्स काफी तेजी से गिर रही है जो सभी के लिए पहेली बन गयी है। डेंगू की रिपोर्ट निगेटिव होने के बावजूद लोगो में प्लेटलेट्स काफ़ी तेजी से घट रही है। बेली अस्पताल के डेंगू वार्ड में भर्ती घूरपुर निवासी छोटू की प्लेटलेट 16000 हो गई थी जबकि रिपोर्ट में उसे डेंगू नहीं है। ऐसे ही स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में भर्ती गीता देवी के परिजनो ने बताया कि उनकी प्लेटलेट्स 20 हजार से कम हो गई थी। वही बेलीअस्पताल के ब्लड बैंक में आये मम्फोर्डगंज के दीपक श्रीवास्तव ने बताया कि उनके भाई बेली अस्पताल में भर्ती हैं, उसे डेंगू नहीं है लेकिन उसकी प्लेटलेट्स घटकर 23000 पर आ गई है।
बेली अस्पताल के ब्लड बैंक के स्टोर इंचार्ज हेमंत शुक्ला ने बताया कि लैब टेक्नीशियन पस्त होने लगे हैं। उनका कहना का की डेंगू की ऐसी स्थिति अब से पहले कभी नहीं देखी। जनवरी से अब तक करीब 938 डेंगू के मामले आ चुके है प्रशसनिक आकड़ो के अनुसार अब तक 884 लोगो का इलाज किया जा चूका है और डेंगू से मरने के मामले सिर्फ छः ही है।
CMO ने किया आश्वस्त
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. नानक सरन ने लोग से धैर्य से काम लेंने को कहा है। उन्होंने बताया की हम स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। अस्पतालों में बेड की कोई कमी नहीं है, हमारे पास काफी संख्या में बेड खाली हैं और भर्ती आसानी से हो रही है। किसी को बेड या प्लेटलेट न मिलने की दिक्कत हो तो जिला प्रशासन की ओर से जारी किए गए कंट्रोल रूम के नंबर पर फोन करें, वहां से उन्हें उचित सहायता की जाएगी।