नोटबंदी से समाज में बदलाव आया
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के अपने कदम का समर्थन करते हुए रविवार को कई ऐसे उदाहरण दिए जिनके जरिए उन्होंने बताया कि नोटबंदी से देश में सामाजिक और व्यावहारिक बदलाव आया है।
मोदी ने अपने 26वें ‘मन की बात’ कार्यक्रम में मीडिया रपटों का जिक्र करते हुए कहा कि नकदी की कमी के कारण पैदा हुई मुश्किलों की वजह से लोग आश्चर्यजनक तरीके से एकजुट हुए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उदाहरण के तौर पर महाराष्ट्र के अकोला जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग-6 पर एक रेस्तरां ने एक बोर्ड लगाया है, जिसमें कहा गया है कि जिन ग्राहकों के पास नए नोट नहीं हैं, वे भी वहां खा सकते हैं और बाद में जब भी वहां से फिर गुजरें, तब पैसे दे सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नकदी की कमी के चलते गुजरात के सूरत की एक नवविवाहिता ने अपनी शादी में मेहमानों को भव्य भोज की जगह चाय पिलाई।
उसके अलावा मोदी ने असम के एक छोटे से गांव ढेकियाजुली में चाय के बागान में काम करने वाले कर्मचारियों का उदाहरण दिया, जिन्हें साप्ताहिक वेतन मिलता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “जब उन्हें 2000 का नया नोट मिला तो कुछ महिलाओं ने उस एक नोट से ही बाजार जाकर कुछ चीजें खरीदी। खुले पैसों की कोई समस्या नहीं थी, क्योंकि उन्होंने साथ मिलकर खरीदारी की थी।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि नोटबंदी के बाद नगर निगमों को लंबे समय से लंबित अपनी बकाया कर राशि मिल गई है।
मोदी ने कहा, “नगर निगमों ने एक सप्ताह में 13,000 करोड़ रुपये की कमाई की है। इस राशि को उपेक्षित क्षेत्रों के विकास में खर्च किया जाएगा।”