
बांदा| उत्तर प्रदेश में बांदा जिला मुख्यालय में ‘यूथ गैंग फॉर जस्टिस’ नामक संगठन ने नोटबंदी के विरोध में रेल रोकने का ऐलान किया था। इसके लिए संगठन ने कुछ गरीबों को एकत्र किया था। लेकिन, जब उप जिलाधिकारी ने उनके बीच कंबल बंटवा दिया, तब वे चले गए।
नोटबंदी के विरोध में…
कहा जा रहा है कि नोटबंदी के विरोध में ‘यूथ गैंग फॉर जस्टिस’ नामक नए संगठन ने तीन दर्जन गरीबों को कंबल देने के नाम पर कचहरी तिराहे पर इकट्ठा किया था। संगठन इन लोगों से नोटबंदी के विरोध के तहत रेल रोको आंदोलन कराना चाह रहा था। लेकिन, जब इन लोगों को पता चला कि कंबल नहीं बंट रहे, तब हंगामा शुरू हो गया।
उधर ट्रेन रोकने की खबर से रेलवे स्टेशन और आस-पास के जगहों को आरपीएफ, जीआरपी और नागरिक पुलिस ने छावनी में तब्दील कर दिया था।
मौके पर पहुंचे उप जिलाधिकारी प्रहलाद सिंह और सीओ राकेश मिश्र ने जब इन गरीबों से बात की तो संगठन की पोल खुल गई। दोनों अधिकारियों ने 50 कंबल गरीबों के बीच बंटवा कर उन्हें चलता कर दिया।
सीओ ने बताया, “चंद नेता गरीबों को बरगला कर अपनी ताकत का अहसास करना चाहते हैं, जब कि सच यह है कि गरीबों को नोटबंदी से कोई तकलीफ नहीं है। चूंकि उनके पास बड़े क्या, छोटे नोट भी नहीं हैं। वह दो वक्त की रोटी और ठंड से बचने के लिए एक कंबल को तरस रहे हैं।”
उधर, यूथ गैंग फॉर जस्टिस के चंद पदाधिकारी ए.एस. नोमानी, इम्तयाज हुसैन, अकील अहमद, सलीम, व रामचरन ने नोटबंदी के विरोध में प्रशासन को एक ज्ञापन सौंप कर इसकी निंदा की। नोमानी ने कहा, “प्रशासन ने जबरन कंबल बांटकर कार्यकर्ताओं को भगाया है।”