
नई दिल्ली : पीएम मोदी के 500 और 1000 नोट बैन के फैसले को के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी गई है। अब कोर्ट को तय करना है कि इस मामले में आगे क्या किया जाए। सुप्रीम कोर्ट चाहे तो सरकार के फैसले पर रोक लगा सकता है। लेकिन इस बीच मद्रास हाइकोर्ट ने 500-1000 के नोट पर बैन के खिलाफ याचिका को खारिज करते हुए कहा कि ये देश के लिए बेहतर कदम है।
सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता अधिवक्ता संगम लाल पांडेय ने सरकार के फैसले को तुगलकी फरमान करार देते हुए याचिका में कहा है कि किसान और अस्पतालों में मरीज सहित समाज के विभिन्न वर्गों के लोग व्यावहारिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
याचिका में कहा गया है कि बहुत सारे लोगों ने अपने बेटे या बेटी की शादी के लिए बहुत अधिक रुपये निकाले हैं। वे अब संकट में हैं क्योंकि उनके पैसे का उपयोग उस मकसद के लिए नहीं किया जा सकता। नौ से ग्यारह नवंबर के बीच हजारों शादियां होनी हैं और वे सरकार के फैसले की वजह से परेशानी का सामना कर रहे हैं।
दूसरी तरफ, सरकार का तर्क है कि इस फैसले से देश की ईमानदार जनता को फायदा होगा। बड़ी मात्रा में कालाधन देश के भीतर है, जो बेकार हो जाएगा। इससे अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।





