
जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है, यह बात साबित हो चुकी है। जांच एजेंसियां अब उन लोगों तक पहुंच रही हैं, जिन्होंने बड़े राजनीतिक पदों पर रहते हुए कथित तौर पर आतंकी संगठनों की प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष मदद की है।
पाकिस्तानी उच्चायोग, जम्मू-कश्मीर में अपनी गतिविधियां संचालित कर रहे अलगाववादी नेता और आतंकी संगठन, इनके गठजोड़ पर मुहर लगने के बाद जांच एजेंसी कुछ राजघरानों की ओर बढ़ रही है। हो सकता है कि आने वाले समय में कई ऐसे नेता, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर पर राज किया है, उनकी नींद उड़ जाए।

जांच एजेंसियों ने ऐसे नेताओं के अल-उमर-मुजाहिदीन, जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा जैसे पाकिस्तानी आतंकी संगठनों के साथ कथित संबंधों का पता लगाया है। कुछ ऐसे ऑडियो टेप और तस्वीरें भी मिली हैं, जिनमें ये नेता अलगाववादियों के साथ आतंकी संगठनों के प्रतिनिधियों (एनजीओ) से बातचीत कर रहे हैं। जांच एजेंसियां अब ऐसे नेताओं से पूछताछ करने के लिए उन्हें समन भेजेगी।