दक्षिण में कमल खिलाने को बीजेपी ने खेला नया दांव, करेगी ये बड़ा बदलाव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जबरदस्त लोकप्रियता और अमित शाह के कुशल चुनावी कौशल के बावजूद भाजपा अभी तक दक्षिण में अपनी मजबूत पैठ बनाने में असफल रही है। यही कारण है कि छः जुलाई से 10 अगस्त के बीच चलने वाले सदस्यता अभियान में पार्टी ने दक्षिण भारत को अपने केंद्र में रखा है।

बीजेपी

जैसा कि सदस्यता अभियान के राष्ट्रीय संयोजक शिवराज सिंह चौहान ने दावा किया है कि इस बार पार्टी का लक्ष्य आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, केरल, उड़ीसा और तेलंगाना पर केंद्रित होगा, यह साफ हो गया है कि अब वह हिंदी भाषी क्षेत्र से आगे निकलकर देश के अन्य हिस्सों में भी अपनी जड़ें मजबूत करने के लिए प्रयासरत है।

हालांकि, वह देश के बाकी हिस्सों में भी अपने विस्तार के लिए काम करेगी। शिवराज सिंह के मुताबिक बीजेपी उन सभी बूथों पर विशेष ध्यान देगी जिस पर उसे हार मिली है। सभी बूथों पर 25 सदस्य जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।

यहां अपनी पैठ बनाने में अब तक असफल रही भाजपा

पिछले दो लोकसभा चुनाव पूरी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता पर आधारित चुनाव रहे हैं। दोनों ही चुनावों में कई राज्यों में विपक्ष का खाता तक नहीं खुल सका है।

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लेकिन इस प्रचंड बहुमत के बाद भी भाजपा के लिए दक्षिण भारत एक पहेली ही साबित हुआ है। आंध्रप्रदेश में पिछली बार चंद्राबाबू नायडू ने उसका रास्ता रोक दिया था तो इस बार जगनमोहन की सफलता मोदी के आड़े आ गई।

तमिलनाडु में पिछली बार एआईएडीएमके ने तो इस बार डीएमके ने उसका रास्ता रोक लिया। उड़ीसा में नवीन पटनायक की छवि नरेंद्र मोदी को कड़ी टक्कर देती नजर आई है। केरल में संघ की पूरी रणनीति के बाद भी वह कोई सफलता हासिल नहीं कर सकी।

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