कश्मीर में हिंसा के खिलाफ अब सुरक्षा एंजेसियों ने बनाई हिट लिस्ट, 400 नेता निशाने पर
नई दिल्ली| जम्मू-कश्मीर में हिंसा जारी है। यह सब हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद शुरू हुआ। डेढ़ महीने से अधिक बीतने के बाद भी यह थम नहीं रही है। इन घटनाओं से निपटने के लिए केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने 400 स्थानीय नेताओं की सूची तैयार की है। विरोध-प्रदर्शन की घटनाओं में ये स्थानीय नेता हिंसा बढ़ाने का काम करते हैं।
सुरक्षा एजेंसियों ने राज्य पुलिस को नामों की सूची सौंप दी है और इन्हें तत्काल पकड़ने का आदेश जारी किया है। जन सुरक्षा कानून के तहत इन नेताओं को हिरासत में लेने का भी निर्देश जारी किया गया है।
इंटेलिजेंस अधिकारियों का कहना है कि इस लिस्ट में हिजबुल मुजाहिद्दीन के अंडरग्राउंड कमांडर और दूसरे आतंकी संगठनों के लिए काम करने वाले शामिल हैं।
इसके अलावा स्थानीय स्तर के संगठनों के साथ अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के संगठन तहरीक-ए-हुर्रियत और जमात-ए-इस्लामी संगठन के सदस्य भी सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर हैं।
केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘सूची में उन स्थानीय नेताओं के नाम है जो 10 से 12 साल के मासूम बच्चों को भी हिंसा के लिए उकसाते हैं। किशोर और युवाओं के साथ इन बच्चों को भी पत्थर फेंकने के लिए उकसाया जाता है। इनमें से ज्यादातर दक्षिणी कश्मीर के अंडरग्राउंड कार्यकर्ता हैं जो आतंकियों को अपने घर में पनाह देते हैं।
2010 में सेना के अधिकारियों द्वारा फर्जी एनकाउंटर में कुछ लोगों के मारे जाने के बाद भड़की हिंसा के वक्त भी सुरक्षा एजेंसियों ने इसी तरीके को स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए अपनाया था। इस फर्जी एनकाउंटर में सात अधिकारियों को दोषी पाया गया।
सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दो दिवसीय कश्मीर दौरे में मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से लंबी चर्चा की। जम्मू-कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती से चर्चा में राजनाथ ने स्पष्ट कहा कि विद्रोह और प्रदर्शनों को भड़काने वाले स्थानीय नेताओं पर नकेल कसना जरूरी है।
उपद्रवी भीड़ पर काबू करने के लिए रोज सुरक्षा बलों का प्रयोग करने से बेहतर है कि इन अराजक तत्वों की पहचान कर इन पर कार्रवाई की जाए। सूत्रों का कहना है कि ईद-उल-जुहा के त्योहार से पहले प्रदेश में स्थिति पर नियंत्रण लाना सरकार की प्राथमिकता है। इस लिये भीड़ का नेतृत्व करने वालों को जन सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में लेने के निर्देश जारी किया गया है।