ऐसी खौफनाक परम्परायें जिनको जानकर सहम जाएंगे आप…

सभी धर्मों में किसी व्यक्ति की मृत्यु पर उसके अंतिम यात्रा का संस्कार अलग होता है। हिंदू धर्म में जहां शवों को जलाया जाता है वहीं मुस्लिम और ईसाईयों में शवों को दफनाया जाता है।

वहीं हिमालय में बसे तिब्बत में एक अजीबोगरीब प्रथा निभाई जाती है जिसके बारे में जानकर आपको हैरानी होगी और साथ ही साथ मन में कई तरह के सवाल भी उठेंगे।

ऐसी खौफनाक परम्परायें

‘स्काई बरियल’ नाम की इस प्रथा में लोगों के मरने पर उनके कपड़े उतारकर उनकी लाश को ले जाकर टुकड़े-टुकड़े कर दिए जाते हैं। लाश के टुकड़े करने के पीछे की वजह यह है कि, गिद्ध उसे आसानी से खा सकें। इस परंपरा को लेकर यह तर्क दिया जाता है कि, “मरने के बाद इंसान एक खाली बर्तन की तरह माना जाता है।

जो इस्तेमाल न किए जाने की सूरत में फेंक दिया जाता है।” साल तक मां ने बेटे से साथ की ऐसी है हैवानियत, सुनकर रह जाएंगे हैरानइसी तरह वूडू भी एक जादू टोने की रहस्यमयी दुनिया मानी जाती है।

पश्चिम अफ्रीकी देश का केंद्र माना जाने वाला कुइदाह शहर वूडू पूजा करने वाली सबसे बड़ी जगह है। यहां हर साल वूडू फेस्टिवल होता है। कुछ स्थानीय समुदायों के लिए यह साल का सबसे अहम त्योहार है।

वूडू को मानने वाले लोगों का आत्माओं से गहरा रिश्ता होता है क्योंकि ये उन्हें अपना ही मानते हैं। इस प्रथा में आत्माओं को और शक्तिशाली बनाने के लिए कई प्रकार के जीवों की बलि चढ़ाई जाती है।

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वैसे तो वूडू मानने वालों की सही संख्या का अंदाजा किसी को नहीं। एक आधिकारिक आंकड़े में यह संख्या 12 लाख आंकी गई है। बूडू को मानने वाले जो लोग भविष्य जानना चाहते हैं, वे फा कहे जाने वाले ओझाओं से मिलते है।

गौरतलब है कि, इस प्रथा में कोई भी सवाल नहीं किया जा सकता। खासकर अपनी मृत्यु के बारे में सवाल करना वर्जित है।

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