
रविवार को मुरादनगर में हुए हादसे के बाद मंगलवार को जांच टीम अंत्येष्टि स्थल पहुंची। टीम ने इस दौरान लकड़ी का गोदाम सहित अन्य भवन को सील कर दिया गया है। टीम ने अंत्येष्टि स्थल की गैलरी की जो छत गिरी है, उसके मलबे की भी जांच की। उन्होंने पहली नजर में ही साफ कर दिया है कि गैलरी सहित अन्य भवन का निर्माण मानकों के विपरीत हुआ है। न तो पिलर की संख्या ठीक है न ही भवनों का डिजाइन। इसका पर्दाफाश मंगलवार के अंक में दैनिक जागरण ने किया है।

जीडीए के चीफ इंजीनियर वीएन सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने लोक निर्माण विभाग, जीडीए और नगर निगम की एक संयुक्त टीम श्मशान स्थल पर बनी गैलरी, लकड़ी के गोदाम सहित अन्य भवन की जांच के लिए बनाई है। जिसके बाद जांच के लिए टीम श्मशान स्थल पहुंची है।
जांच के दौरान टीम ने देखा कि गैलरी बनाने मे इस्तेमाल किए गए सरिए का साइज मानक के अनुसार था न ही निर्माण सामग्री। डिजाइन भी गलत है। मानक से भी ज्यादा ऊंचाई पर लेंटर डाला गया है। पिलर की संख्या भी कम है। प्रत्येक पिलर का साइज भी टीम ने नोट किया है।

भवन में उन्होंने हथौड़ा मारकर देखा कि कुछ जगह पर खड़े कॉलम में सिर्फ ईंट से चिनाई कर दीवार बनाई गई है। उसमें सरिए का इस्तेमाल ही नहीं किया गया है।