एक्शन में ED , 15 चिटफंड कंपनियों की ली तलाशी

ईडी ने टावर इंफोटेक लिमिटेड और पिनकॉन समूह के खिलाफ सीबीआई और पश्चिम बंगाल पुलिस की ओर से 156 करोड़ रुपये और 638 करोड़ रुपये के गबन के लिए दर्ज प्राथमिकियों के आधार पर धन शोधन का मामला दर्ज किया था।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कोलकाता, सिलिगुड़ी, हावड़ा और आगरा में दो चिटफंड कंपनियों के 15 परिसरों की तलाशी ली, ईडी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा की , “प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पीएमएलए एक्ट 2002 के तहत दो चिट फंड कंपनियों पिनकॉन ग्रुप और टॉवर इन्फोटेक लिमिटेड के खिलाफ कोलकाता, सिलीगुड़ी, हावड़ा और आगरा में विभिन्न स्थानों पर स्थित आवासों और कार्यालयों की तलाशी ली।” दूसरी ओर पावर एप बैंक मामले में शुक्रवार को सूरत सेज, अहमदाबाद और मुंबई में 14 परिसरों की भी तलाशी ली गई।

इडी ने बताया की चिट-फंड कंपनियों ने जनता को आकर्षक योजनाओं का लालच देकर और ब्याज की बहुत ऊंची दरों की पेशकश करके उनसे पैसा इकट्ठा किया है, जारी बयान में ईडी ने सीधा आरोप लगाते हुए कहा की इन दोनों कंपनियों ने पैसा नहीं लौटाकर जनता को धोखा दिया है।

ईडी की ओर से जारी बयान में कहा गया, ”पिनकॉन समूह और टावर समूह के निदेशकों के आवासों पर छापे मारे गए। इनमें मनोरंजन रॉय, हरि सिंह और लाभार्थी सुभारती बनर्जी, संजय बसु और मीना डे, रामेंदु चट्टोपाध्याय और ईडन इंफ्राप्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के लाभार्थी इसके निदेशक इंद्रजीत डे और सच्चिदानंद राय, इंडियन स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड और आशीष व्हील्स लिमिटेड आदि शामिल हैं।

वहीं दूसरी ओर केंद्रीय एजेंसी ने कथित पावर बैंक ऐप धोखाधड़ी मामले में शुक्रवार को सूरत सेज, अहमदाबाद और मुंबई में 14 परिसरों की भी तलाशी ली। ईडी ने शुक्रवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, “प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को पावर बैंक ऐप धोखाधड़ी मामले में बीएसई में सूचीबद्ध कंपनी मेसर्स सागर डायमंड लिमिटेड, मेसर्स आरएचसी ग्लोबल एक्सपोर्ट्स लिमिटेड, उनके निदेशक वैभव दीपक शाह और सूरत एसईजेड, अहमदाबाद और मुंबई में उनके सहयोगियों से संबंधि परिसरों की तलाशी ली।

ईडी की यह कार्रवाई कथित पावर बैंक ऐप धोखाधड़ी के संबंध में दिल्ली पुलिस की ओर से दर्ज प्राथमिकी के आधार पर केंद्रीय एजेंसी की ओर से धन शोधन रोकथाम अधिनियम 2002 के तहत की गई जांच का हिस्सा है। ईडी ने आरोप लगाया कि चीनी नागरिकों ने भारत में अपने सहयोगियों के साथ मिलकर प्रबंधित एप के आवेदन के माध्यम से हजारों आम लोगों को धोखा दिया गया है। इनमें वैभव दीपक शाह और मेसर्स सागर डायमंड लिमिटेड शामिल हैं।

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