इस देश की सरकार ने समोसे को लेकर सुनाया ये फैसला, जिसे जान चौंक जाएंगे आप…
दुनिया में ऐसे तमाम लोग हैं जिन्हें खाने-पीने का बेहद शौक है। ऐसे लोग हर तरह के व्यंजनों को चखने का शौक रखते हैं। देश और दुनिया के हर कोने में जाकर वहां का जायका लेना भी इन्हें खूब पसंद होता है।
जब आप किसी दूसरी जगह पर जाते हैं तो वहां के फूड हेबिट्स को देखकर कई बार काफी आश्चर्य होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अपने देश में धड़ल्ले से खाने जाने वाली कुछ खाद्य पदार्थों से यहां के लोग करते हैं तौबा।
अकसर लोग भारत से सिंगापुर छुट्टियां मनाने जाते हैं। कई लोगों की काफी फेवरेट हॉलीडे डेस्टिनेशन भी है, लेकिन यहां जाकर गलती से भी च्युइंगम न चबाएं क्योंकि सिंगापुर में च्युइंगम पर सख्त पाबंदी है।
बैन होने के चलते अगर यहां सड़क पर कोई च्युइंगम चबाते हुए दिख जाता है तो उसे भारी जुर्माने का भुगतान करना पड़ सकता है।
फ्रांस : अब बात करते हैं पश्चिमी यूरोप में स्थित देश फ्रांस के बारे में। हमारे देश में बच्चे स्कूलों में रोटी-सब्जी से लेकर चिकेन बर्गर तक लेकर जा सकते हैं, लेकिन फ्रांस में स्कूल के कैंटीनों में वेजिटेरियन फूड बैन हैं।
जी हां, यही है यहां का नियम और ऐसा बच्चों को जरूरी पोषक तत्व देने की पहल के चलते किया गया है। इतना ही नहीं, यहां टमेटो कैचअप पर भी बैन है। फ्रांस की सरकार ने साल 2011 में ही एलिमेंट्री स्कूलों से टमेटो कैचअप पर बैन लगा दिया है।
अमरीका : हमारे देश में डिब्बाबंद रेडी टू इट खाने-पीने की चीजों को बहुत तवज्जो दी जाती है। समय की कमी के चलते ज्यादातर लोग इसे प्रिफर करते हैं।
इसके साथ ही खुले में बिकने वाली चीजें भी अपने यहां बहुत मशहूर है, लेकिन अमरीका में खुली वस्तुओं की बिक्री पर रोक है। जी हां, यहां के 22 राज्यों में खुले में बादाम बेचने पर पूरी तरह से रोक है। यहां खुला दूध भी नहीं मिलता है।
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सोमालिया : चाय-समोसा का कॉम्बिनेशन हमारे देश में हिट है। यहां हर गली, मुहल्ले में छोटी से बड़ी दुकानों में समोसा आपको मिल जाएगा, लेकिन अफ्रीका के पूर्वी किनारे पर स्थित देश सोमालिया में यह साल 2011 से पूरी तरह से बैन है।
हैरान कर देने वाली वजह तो इसका शेप है। जी हां, समोसे की आकृति को लेकर यहां ईसाई धर्म के लोगों आपत्ति जताया था और जिसके चलते सरकार ने सोमालिया में समोसे पर बैन लगा दिया।