अशोका विश्वविद्यालय ने किया अपने गलती को स्वीकार, कहा सुधारेंगे अपनी खामियां

अशोका विश्वविद्यालय के प्रोफेसर प्रतापभानु मेहता और पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम के इस्तीफे के वजह से उठे विवादों को विश्वविद्यालय ने स्वीकार किया है। संस्था के प्रक्रियाओं में कुछ गलतीयां हैं, जिसमें सुधर करने की जरूरत है। विश्वविद्यालय बतौर प्रोफेसर दोनों के कामों की प्रशंसा की है।

कुलपति रुद्रांग्शु मुखर्जी और बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज के अध्यक्ष आशीष धवन के बयान में हालिया घटनाओं पर गहरा दुख जताया गया है. और कहा गया है, कि प्रक्रियागत खामियां सुधारने के लिए हम सब मिलकर काम करेंगे। यह अकादमिक स्वायत्तता एवं स्वतंत्रता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दोहराएगा, जो विश्वविद्यालय के आदर्शों को पालन हो रहा है।

विश्वविद्यालय को प्रतापभानु मेहता के तौर पर पहले कुलपति, फिर सीनियर फैकल्टी के रूप में नेतृत्व एवं मार्गदर्शन के रूप में गौरव प्राप्त हुआ। सुब्रमण्यम ने विश्वविद्यालय को प्रतिष्ठा दिलाई, नए विचार व ऊर्जा दिया। उनके जाने से एक शून्य पैदा हो गया है, जिसको पूरा करना कॉफी मुश्किल होगा।

बयान के अनुसार, प्रताप व अरविंद मानते हैं कि विश्वविद्यालय उच्चशिक्षा की अहम परियोजनाओं में से एक माना जाता है। वे इसके बेहतरीन छात्रों व फैकल्टी को छोड़कर कॉफी दुख जता रहे  हैं। एजेंसी के अनुसार उनका कहना है,की विश्वविद्यालय को अकादमिक आजादी व स्वायत्तता के लिए एक उदार दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।

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