अरुण जेटली-“देश की आर्थिक विकास दर 7.6 प्रतिशत रहने की उम्मीद”
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि लगातार दो साल सूखे की मार झेलने और निर्यात गिरने के बावजूद वित्त वर्ष 2015-16 में देश की आर्थिक विकास दर 7.6 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
जेटली ने कार्नेगी एडवांसमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के एक कार्यक्रम में कहा, ‘भारतीय अर्थव्यवस्था पिछले लगातार दो वर्ष से सूखे की मार झेल रही है और निर्यात में भी गिरावट दर्ज की गई है।
इसके बावजूद हमारी सरकार के आर्थिक सुधार एजेंडे को लागू करने की प्रतिबद्धता की बदौलत वित्त वर्ष 2015-16 में 7.6 प्रतिशत विकास दर हासिल करने का अनुमान है।’
उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के कमजोर परिदृश्य के बीच कीमतों की संतोषजनक स्थिति, चालू खाता घाटा (कैड) में कमी और वित्तीय सुदृढ़ीकरण की राह अपनाने के बल पर भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति मजबूत बनी हुई है और यह विदेशी निवेशकों के लिए निवेश करने का बेहतर अवसर है।
आर्थिक सुधार के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए जेटली ने कहा कि निश्चितता, नीति निर्देश में निरंतरता एवं कार्य संचालन में पारदर्शिता पर जोर देना भारत की मौजूदा सरकार की खासियत है, जिससे यह पहले की अन्य सरकारों से भिन्न है।
वित्तमंत्री ने सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि उसने अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए कर सुधार, मेक इन इंडिया कार्यक्रम, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सीमा में बढ़ोतरी, नई परियोजनाओं के लिए शीघ्र मंजूरी जैसे प्रावधानों को लागू करने के साथ ही पेट्रोल की तरह डीजल की कीमत को नियंत्रणमुक्त करने, वित्तीय समावेशन के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण को आधार से लिंक करने और देश में कारोबार करने को आसान बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं।