अयोध्या में बदलेगी तस्वीर , बढ़ेगा रोजगार , जानिए जनता की राय…

9 नवंबर सुबह 10:30 बजे ऐतिहासिक फैसला अयोध्या राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने निर्धारित कर दिया है। वहीं सुप्रीम कोर्ट के अनुसार राम मंदिर उसी स्थान में बनेगा और मुस्लिम पक्षो को 5 एकड़ की जमीन दी गयी है।
खबरों कि माने तो  प्रशासन की सख्त पाबंदियों और जगह-जगह बैरिकेडिंग से राम की नगरी शनिवार को पहली बार कैद जैसी नजर नहीं आ रही। यहां के लोगों को हर खास मौके पर खाकी के बूटों की टाप और बैरिकेडिंग पर खड़े सुरक्षाकर्मियों से जूझते देखा जाता था। जहां इससे स्थानीय व्यापारियों और संतों में नाराजगी का भाव रहता था लेकिन अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उनका नजरिया बदला हुआ है।
जहां उन्हें लगता है कि भव्य राम मंदिर बनने से अयोध्या को न सिर्फ बंदिशों से निजात मिलेगी, वरन रामनगरी की तस्वीर भी बदल जाएगी। यहां इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ेगा, निवेश आएगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। वे मानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का दूरगामी असर होगा।

राम की नगरी में शुक्रवार रात से ही राम जन्मभूमि परिसर की ओर जाने वाले रास्ते सील हैं। अयोध्या की गलियों में आम लोगों से ज्यादा फोर्स नजर आ रही है। अयोध्या पर फैसले के बाद अफसरों की गश्त और तेज हो गई है। सुरक्षा बल फ्लैग मार्च कर रहे हैं। रामनगरी में बाहरी लोग कम हैं लेकिन जो भी हैं वे आवागमन के साधन बंद होने से पैदल घूमने को विवश हैं। इसके बावजूद रामनगरी में उत्साह व उल्लास है। हो भी क्यों नहीं, युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक ने अब तक अयोध्या विवाद की तपिश जो झेली है।

उन्हें लगता है कि इस फैसले से अयोध्या के विकास को पंख लगेंगे। आजादी के बाद से लगातार विवादित होने का तमगा झेल रही रामनगरी में अब देश-दुनिया के लोग दर्शन के लिए आएंगे। अयोध्या में बनने वाले हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन के उच्चीकरण व विकास की योजनाओं से भी इसमें मदद मिलेगी।

हनुमान गढ़ी के पास एक गली में कारपेंटर शानू खां और राजेश मिश्रा बात करते हुए मिले। राजेश आयुर्वेदिक दवा बनाने वाली अपनी कंपनी के उत्पाद शानू को बेचने आए थे। शानू कहते हैं-जिस तरह मुसलमान मक्का-मदीना और ईसाई वेटिकन सिटी जाते हैं, उसी तरह हिंदुओं का यह अंतरराष्ट्रीय तीर्थस्थल हो जाएगा। बाहरी लोगों के आने से रोजगार बढ़ेगा।
नया घाट पर मिले मो. अशफाक कहते हैं कि पहले अक्सर प्रशासन भी फसाद मात्र की आशंका में ही यहां का बाजार बंद करा देता था। इससे स्थानीय व्यापार को तो झटका लगता ही था, बाहर से बड़े उद्यमी भी यहां निवेश के लिए आना पसंद नहीं करते थे।

यहीं मिले आसिफ 25-30 वर्षों से खड़ाऊं बना रहे हैं। आसिफ हंसते हुए कहते हैं कि मंदिर बनने से यहां संतों का जमावड़ा बढ़ेगा। बाहर से भी लोग खड़ाऊं खरीदने आएंगे। अब आप समझ लीजिए इससे हमें फायदा होगा या नुकसान। रही बात मस्जिद की तो उसके लिए भी जमीन मिल ही गई है।

अयोध्या के मुख्य बाजार में अजय पांडे की घड़ियों की दुकान है। वह कहते हैं कम से कम अब प्रशासन दुकानें तो बंद नहीं कराएगा। अधिवक्ता वामदेव मिश्रा और आलोक मिश्रा भी अजय से सहमति जताते हैं।
वामदेव कहते हैं कि विवादित भूमि की ओर जाने वाली सड़कें व गलियां अक्सर ही बैरिकेडिंग लगाकर बंद कर दी जाती थीं। इससे यहां के हिंदू व मुसलमान सभी को दिक्कतें होती थीं। फैसले से यहां धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। युवाओं को भी पलायन करने की आवश्यकता नहीं रह जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला अयोध्या के अलौकिक व स्वर्णिम भविष्य की शुरुआत है। राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनने से हर कार्य में पारदर्शिता रहेगी। विकास की रफ्तार तेज होगी और तमाम क्षेत्रों में नयापन देखने को मिलेगा। मथुरा, वृंदावन की तरह यहां भी पर्यटक बढ़ेंगे।

दरअसल रामनगरी अयोध्या 2021-30 के दशक में आध्यात्मिक पर्यटन का अंतरराष्ट्रीय केंद्र बनेगी। अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बनने के बाद यह देश ही नहीं, विश्व के हिंदुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र होगा। रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक अयोध्या आएंगे। इधर, योगी आदित्यनाथ सरकार ने भी अयोध्या के विकास और रामनगरी को पर्यटन का केंद्र बनाने के लिए अनेक योजनाएं लागू कर रखी हैं। वहां एयरपोर्ट भी बनाया जा रहा है।
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