भ्रष्टाचार के खिलाफ योगी सरकार बड़ा एक्शन, पांच अधिकारियों को किया निलंबित, जानिए पूरा मामला

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सक्रिय है। राज्य में अब तक सरकार कई भ्रष्ट अधिकारियों पर नकेल कस चुकी है। इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज भ्रष्टाचार के दो मामलों में बड़ा कदम उठाया। होम्योपैथिक कॉलेज के छात्रों को छात्रवृत्ति देने पर सीएम योगी ने दो रजिस्ट्रार को किया बर्खास्त, वहीं लखनऊ के शताब्दी हायर सेकेंडरी स्कूल परिसर में मेथोडिस्ट चर्च स्कूल को गलत तरीके से मान्यता देने के आरोप में लखनऊ के बीएसए विजय प्रताप सिंह और तत्कालीन संभागीय सहायक शिक्षा निदेशक पीएन सिंह और उप कुलसचिव विनय कुमार श्रीवास्तव को भी बर्खास्त कर दिया गया।

जानकारी के मुताबिक होम्योपैथी मेडिसिन बोर्ड के तहत निजी संस्थानों में 4764 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और 4764 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति का मामला सामने आया है। समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक की अध्यक्षता वाली समिति ने घोटाले की पुष्टि कल्याण विभाग आरके सिंह ने की।

समाज कल्याण विभाग ने इस मामले की जांच संयुक्त निदेशक आरके सिंह सहायक निदेशक सिद्धार्थ मिश्रा और सीनियर ऑडिटर नीरज की कमेटी बनाकर गठित की है। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट बुधवार को समाज कल्याण मंत्री व प्रमुख सचिव को सब्जी मंत्री ने संस्थानों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराने के साथ ही विस्तृत जांच कराने के निर्देश दिए हैं, बताया जा रहा है कि होम्योपैथिक बोर्ड ने संस्थानों में छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति के 47.64 करोड़ रुपए के घोटाले में एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं । सभी आरोपियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए है।

इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षा विभाग के अतिरिक्त निदेशक और होम्योपैथी मेडिसिन बोर्ड के तत्कालीन कार्यवाहक रजिस्ट्रार प्रोफेसर मनोज यादव, बोर्ड के वरिष्ठ लिपिक प्रोफेसर मनोज यादव और बोर्ड के तत्कालीन कार्यवाहक रजिस्ट्रार विनोद कुमार यादव को निलंबित कर दिया।

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