Year Ender 2020: साल 2020 की वो 20 बड़ी घटनाएं, जिन्हें आप चाहकर भी नहीं भूला पाएंगे

साल 2020 अब विदा होने का है। अब यह महज नंबर बनकर रह जायेगा किन्तु बीते 365 दिन के दौरान हुई घटनाएं शायद ही कभी भूली जाए। आईये हम आप को बताते हैं साल 2020 की 20 ऐसी घटनाएं जो हमें दुःख भी दिया एवं सुख भी।

राम मंदिर के शिलान्यास ने धार्मिक हर्ष को चरम पर पहुंचाया तो कोरोना के खौफ के बीच कभी मरकज तो कभी तबलीगी जमात चर्चा का केंद्र रही।

साल 2020 की शुरुआत सीएए और एनआरसी के विरोध के साथ हुई थी। किन्तु फरवरी आते-आते गर्मी इतनी बढ़ गई की दिल्ली इसकी चपेट में आकर झुलस गई। 23 फरवरी से 29 फरवरी तक दिल्ली के उत्तर पूर्वी हिस्से में दंगा होता रहा। इस दौरान 53 लोगों ने जान गवाईं और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे। वहीं कड़ाके की ठंड के बीच शाहीन बाग में सैकड़ों महिलायें सीएए और एनआरसी के विरोध में महीनों तक सड़क पर बैठी रहीं।

दिल्ली दंगो का रँग अभी उतरा नहीं था, पूरा देश होली के रंगो का सहारा ले ही रहा था कि पूरी दुनिया में खौफ का पर्याय बन चुके वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने भारत में भी अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया। देश में वैसे तो कोरोना के मामले जनवरी 2020 के दौरान ही सामने आये थे। लेकिन 17 मार्च को कर्नाटक में पहली मौत दर्ज की गई थी। अप्रैल से मई तक कोरोना ने पुरे भारत को घेर लिया था और अब तक देश में एक करोड़ से ज्यादा लोग इस खौफनाक वायरस की चपेट में आ चुके हैं। भारत में कोरोना से अब तक करीब डेढ़ लाख लोगों ने अपनी जान गवां दी है।

यस बैंक में जिन लोगों का खाता है वें बमुश्किल ही इस घटना को भूल पाएं। मार्च 2020 के शुरुआती हफ्ते में आरबीआई ने यस बैंक पर पाबंदियां लगा दीं। इसके तहत ग्राहक अपने ही खाते से एक महीने में 50 हजार रुपये से ज्यादा नहीं निकाल सकते थे। दरअसल, इस तरह की पाबंदियां पीएमसी बैंक पर भी लगी थीं, लेकिन उससे प्रभावित होने वाले लोगों की संख्या यस बैंक के मुकाबले काफी कम थी। आरबीआई की पाबंदी का असर इस कदर हुआ था कि यस बैंक के शेयर के दाम पांच रुपये तक पहुंच गए थे।

कोरोना के चंगुल से देश को बचाने के लिए 25 मार्च से 21 दिन का पूर्ण लॉकडाउन लगाया। उस दौरान ट्रेन, बस और हवाई जहाज के साथ-साथ आम जनजीवन भी थम गया। लेकिन इसी दौर में देश ने ऐसा दर्दनाक नजारा देखा, जो इससे पहले 1947 में भारत-पाकिस्तान विभाजन के दौरान ही नजर आया था। दरअसल, दिल्ली-मुंबई में रहने वाले हजारों लोग कोई भी साधन न होने पर पैदल ही अपने-अपने घर जाने लगे। उस दौरान सरकार ने न तो उन लोगों को समझाने की कोशिश की और न ही उनकी कोई मदद। 8 मई को महाराष्ट्र के औरंगाबाद में रेलवे ट्रैक पर सो रहे 16 मजदूरों पर मालगाड़ी गुजरने के हादसे ने इस दर्द को और बढ़ा दिया। 

देश के इतिहास में 20 मार्च 2020 को इन्साफ की तारीफ के रूप में हमेशा याद किया जाएगा। इसी दिन निर्भया के चारों दोषियों पवन, मुकेश, अक्षय और विनय को तिहाड़ के जेल नंबर तीन में फांसी के तख्ते पर लटकाया गया और करीब सात साल पहले 16 दिसंबर 2012 की उस खौफनाक रात का हिसाब-किताब चुकता कर दिया गया था।

साल 2020 के दौरान राजनीति की दुनिया में भी कई उलटफेर हुए। इसमें मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार का गिरना और शिवराज सिंह का चौथी बार मुख्यमंत्री बनना भी शामिल है। दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया के 22 समर्थकों ने इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई और कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से 20 मार्च को इस्तीफा दे दिया। 23 मार्च को शिवराज सिंह ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।

कोरोना से जूझ रहे देश को बंगाल की खाड़ी में आये अम्फान तूफ़ान ने हिला कर रख दिया। ऐसे में देश के पूर्वी हिस्से पश्चिम बंगाल को काफी नुकसान हुआ। तूफान के विकराल रूप को देखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तो इसे कोरोना महामारी से भी खतरनाक बताया था। अम्फान तूफान की वजह से पश्चिम बंगाल में 13.9 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था। करीब 30 हजार घर उस दौरान ढह गए थे जबकि 88 हजार हेक्टेयर में कड़ी फसल तबाह हो गई।

देश के पूर्वी हिस्से में अम्फान तूफान का कहर बरस रहा था तो उत्तरी इलाकों पर पाकिस्तान से आईं टिड्डियों ने हमला कर दिया। टिड्डियों के इन दलों ने राजस्थान, मध्यप्रदेश, और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद कर दिया था।

लद्दाख बॉर्डर पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच विवाद की शुरुआत 5 और 6 मई की रात से हुई थी।15 और 16 जून की रात लद्दाख बॉर्डर पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए। इस घटना में चीन के करीब 40 सैनिकों के मारे जाने की बात सामने आई, लेकिन चीन ने इसकी पुष्टि नहीं की।ऐसे में भारत ने चीन पर कड़े प्रतिबंध लगाए और करीब 100 चीनी ऐप्लिकेशन पर बैन लगा दिया। साथ ही, देश में चीन के सामान का विरोध भी शुरू हो गया, जिससे चीन को अब तक करोड़ों डॉलर का नुकसान हो चुका है। इसके बावजूद बॉर्डर पर हालात अभी तक सामान्य नहीं हो पाए हैं।

वैश्विक माहमारी कोरोना, अम्फान तूफान और चीन से विवाद के बीच भारत को एक अच्छी खबर भी मिली। जून 2020 के दौरान भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद {UNSC} का 8वीं बार अस्थायी सदस्य चुना गया। इस दौरान 192 वोटों में से भारत के पक्ष में 184 वोट पड़े।

साल 2020 बॉलीवुड के लिए बेहद खराब साबित हुआ। इस दौरान ऋषि कपूर और इरफान खान समेत बॉलीवुड के कई दिग्गज दुनिया को अलविदा कह गए, लेकिन सुशांत सिंह राजपूत की मौत पूरे देश में चर्चा का विषय बनी रही। सुशांत की मौत आत्महत्या और हत्या के इर्द-गिर्द घूमती रही, जिसमें सुशांत की कथित गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती का नाम सामने आया। इसके बाद बॉलीवुड में वंशवाद का मुद्दा जोर-शोर से उठा, जिसका खमियाजा फिल्मी सितारों के बच्चों को भुगतना पड़ा। साथ ही, बॉलीवुड में ड्रग्स की मौजूदगी की बात भी सामने आई।

चीन से विवाद के बीच पाकिस्तान भी भारत को आँखें दिखाने लगा। ऐसे में 27 जुलाई को फ्रांस से पांच राफेल लड़ाकू विमान भारत पहुंचे। ऐसे में भारतीय वायु सेना की ताकत काफी बढ़ गई। वहीं इन विमानों को 10 सितम्बर को आधिकारिक तौर पर भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया। इसके बाद 4 नवंबर को तीन और राफेल भारत आएं। ऐसे में भारत के पास अभी 8 राफेल लड़ाकू विमान हैं। आप को बता दें कि भारत ने फ्रांस से 36 राफेल विमानों का सौदा किया है।

3 जुलाई के दिन कानपुर का बिकरू गावं अचानक सुर्खियों में आ गया था। कुख्यात बदमाश विकास दुबे ने अपने साथियों संग पुलिस टीम पर घात लगाकर हमला कर दिया था जिसमें सीओ समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। ये पुलिसकर्मी विकास दुबे को पकड़ने गए थे लेकिन उसे दबिश की जानकारी पहले ही मिल गई थी। इस मामले में विकास को मध्यप्रदेश के उज्जैन के महाकाल मंदिर के पास पकड़ा गया था और कानपुर के पास भागने की कोशिश करते वक्त कथित एनकाउंटर में उसे मार गिराया गया था। इस दौरान पुलिस ने असाधारण प्रदर्शन करते हुए महज आठ दिन में समूचे विकास दुबे गैंग का सफाया कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2019 के दौरान अयोध्या के राम मंदिर बाबरी मस्जिद विवाद का पटाक्षेप कर दिया था किंतु राम मंदिर की नींव साल 2020 के अगस्त महीने में पांच तारीख को रखी गई थी। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या पहुंचे और राम मंदिर का शिलान्यास किया।

वैसे तो चुनाव आम बात हैं, लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव बहुत खास रहा। क्योंकि कोरोना काल से जूझ रहे देश में यह पहली लोकतांत्रिक प्रक्रिया थी, जिसे चुनाव आयोग ने कामयाबी से निपटाया। बिहार में इस बार राजद सबसे बड़ी पार्टी बनी, लेकिन भाजपा की मदद से जदयू लगातार चौथी बार सरकार बनाने में कामयाब रही।

वैश्विक महामारी कोरोना से जूझ रही दुनिया के बीच बीसीसीआई ने अपनी प्रतिष्ठित लीग आईपीएल का 13वां सीजन कराने का फैसला किया। इसे दुबई में आयोजित किया गया था। शुरुआत 19 सितंबर से हुई और 10 नवंबर को फाइनल मुकाबला खेला गया। आईपीएल के 13वें सीजन में मुंबई इंडियन चैंपियन बनी। रोहित शर्मा की कप्तानी में टीम ने पांचवां आईपीएल खिताब अपने नाम किया। इस दौरान आईपीएल की व्यूअरशिप ने सभी रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए। कोरोना की वजह से कैद हिंदुस्तानियों ने टीवी पर ही आईपीएल देखा, जिससे व्यूअरशिप 23 प्रतिशत बढ़ गई।

खौफनाक वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने अपना असर समूचे विश्व पर किया। इस दौरान कई देशों की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा जिनमें भारत भी शामिल है। कोरोना महामारी से प्रभावित भारत की जीडीपी में अप्रैल से जून की तिमाही में 23.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी। यह स्थिति 1996 के जीडीपी आंकड़ों से भी ख़राब है।

साल 2020 की शुरुआत में सीएए-एनआरसी को लेकर विरोध झेलने वाली दिल्ली अब साल जाते-जाते किसानों के गुस्से का शिकार बन रही है। खेती-किसानी में सुधार के मकसद से मोदी सरकार ने तीन नए कृषि कानून तैयार किए, लेकिन किसान लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। ऐसे में पंजाब समेत कई राज्यों के किसान इस वक्त दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं और कृषि कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं। 

वैश्विक महामारी कोरोना संकट के दौर में अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई, लेकिन भारतीय शेयर बाजार ने नई ऊंचाइयां हासिल कीं। इस दौरान सेंसेक्स अपने सर्वोच्च स्तर 46 हजार 890 पर पहुंच गया। वहीं, निफ्टी ने भी 13 हजार 740 अंकों का मुकाम हासिल किया। बता दें कि कोरोना काल में सोने और चांदी की कीमतों में भी काफी तेजी दर्ज की गई। इस साल सोने ने 56 हजार 191 रुपये प्रति 10 ग्राम का आंकड़ा छुआ, जबकि चांदी का सर्वाधिक दाम 77 हजार 949 रुपये प्रति किलो तक पहुंचा।

साल 2020 जाते-जाते अद्भुत खगोलीय घटना का गवाह भी बना। 21 दिसंबर को बृहस्पति और शनि ग्रहों के बीच की कोणीय दूरी महज 0.06 डिग्री रह गई, जिससे ये दोनों ग्रह आपस में मिलते नजर आए। बता दें कि यह नजारा 400 साल में एक बार दिखाई देता है। इससे पहले 1623 में यह खगोलीय घटना देखी गई थी। बृहस्पति और शनि के बीच अगला दुर्लभ मिलन साल 2080 में नजर आएगा।

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