आवास एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर की अध्यक्षता में मंगलवार राजधानी के न्यू सर्किट हाऊस के कन्वेशन हॉल में आयोजित कार्यशाला में रायपुर विकास योजना 2031 के संबंध में विस्तार से चर्चा हुई। बता दें कि नगर तथा ग्राम निवेश विभाग द्वारा रायपुर विकास योजना (पुर्नविलोकित) 2031 का प्रारूप तैयार किया जा रहा है।

कार्यशाला में चर्चा के दौरान रायपुर विकास योजना पुर्नोवलोकन (प्रारूप) 2031 तैयार करने के लिए जनसुविधाओं की बेहतर से बेहतर व्यवस्था हेतु विशेष जोर दिया गया। उक्त बैठक में जनप्रतिनिधियों और विभिन्न संगठनों से महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए गए। इस अवसर पर संसदीय सचिव श्री विकास उपाध्याय, विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा, रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री सुभाष धुप्पड़ और विभिन्न संगठनों से प्रतिनिधि तमाम लोग बड़ी संख्या में मौजूद थे।
आवास एवं पर्यावरण मंत्री श्री अकबर ने चर्चा करते हुए कहा कि रायपुर शहर की बढ़ती हुई आबादी एवं राजधानी के स्वरूप को विकसित किये जाने हेतु तैयार की जाने वाली विकास योजना में जन-भागीदारी की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए जनप्रतिनिधियों एवं शहर के विभिन्न संगठनों से सुझाव लिए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सामुदायिक एवं हितधारकों की भागीदारी विकास योजना तैयार करने के लिए एक आवश्यक प्रक्रिया है। इसमें अधिकारियों, हितग्राहियों, टाऊन प्लानर्स, आर्किटेक्ट्स तथा इंजीनियर्स आदि ने अपने कार्य के अनुभवनों को साझा किया। वह राजधानी रायपुर शहर के भावी विकास योजना को सुसज्जित और सुव्यवस्थित बनाने में काफी मददगार होगा।
आवास एवं पर्यावरण मंत्री श्री अकबर ने ने बताया कि रायपुर शहर में बढ़ती आबादी और विकास की संभावनाओं के कारण, हम नियोजन के उद्देश्य से 2031 में 30 लाख आबादी को ध्यान में रखकर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रायपुर विकास योजना पुनर्विलोकन (प्रारूप) 2031 का उद्देश्य निवेश क्षेत्र में हरित क्षेत्र उपलब्ध कराना और उनमें सुधार करना है।
इसी तरह प्राकृतिक संसाधनों और जल स्त्रोतों का संरक्षण, पर्यावरण में सुधार, विकेन्द्रीयकृत दृष्टिकोण तथा क्षेत्रीय यातायात का पृथक्करण पर जोर दिया जा रहा है। इसके अलावा स्थानीय वाहनों की निर्बाध्य आवाजाही हेतु आंतरिक मार्गों में सुधार तथा भविष्य में होने वाला संभावित बदलाव-भूमि उपयोग के पैटर्न में बदलाव को शामिल किया गया है।