बिना आरोप के पुलिसकर्मियों ने दी दलित होने की सजा, चटवाए जूते!

दलितनई दिल्ली। अहमदाबाद से जातिवाद को लेकर एक बड़ी खबर आ रही है। दरअसल यहां एक दलित शख्स ने पुलिसकर्मियों पर इल्ज़ाम लगाया है कि उससे जूते चटवाए गए हैं। वहीं पीड़ित हर्षद जादव के मुताबिक, जब थाने में उसने अपनी जाति बताई तो उससे 15 पुलिसकर्मियों के जूते चटवाए गए।

जादव ने एफआईआर दर्ज करवाई है जिसमें लिखा है कि पुलिस ने 28 दिसंबर की रात उसे तब हिरासत में ले लिया, जब उसने अपने इलाके में हुई एक घटना के बारे में मौके पर मौजूद पुलिस कांस्टेबल से पूछा।

एफआईआर में लिखा है कि जादव को थाने ले जाया गया और लॉकअप में बंद कर दिया गया। साथ ही विनोदभाई बाबूभाई नाम के कांस्टेबल ने बगैर किसी उकसावे के जादव को एक डंडे से पीटा, जिससे उसकी उंगली टूट गई। विनोदभाई ने जादव के परिजन को गालियां भी दी।

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जादव की ओर से दाखिल प्राथमिकी का हवाला देते हुए एक अधिकारी ने बताया कि इसके बाद कुछ पुलिसकर्मियों ने जादव से उसकी जाति पूछी। जब उसने उन्हें बताया कि वह एक दलित है तो उन्होंने उसे बाबूभाई के पैर छूकर माफी मांगने को कहा।

इसके बाद कुछ वरिष्ठ कर्मियों ने जादव को पुलिस थाने के करीब 15 पुलिसकर्मियों के जूते चाटने को मजबूर किया। स्थानीय अदालत ने 29 दिसंबर को जादव को जमानत दे दी।

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वहीं अमरायवाडी पुलिस थाने के इंस्पेक्टर ओ एम देसाई का कहना है कि एफआईआर दर्ज होने के बाद कांस्टेबल के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (उत्पीड़न निरोधक) कानून के प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। साथ ही अपराध शाखा इस मामले की जांच कर रही है। फिलहाल कांस्टेबल की गिरफ्तारी अभी तक नहीं हुई है।

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