भारत में गेहूं को लेकर किल्लतें बढ़ीं, Wheat export पर लगा प्रतिबंध

भारत में इस रबि गेहूं कि उपज कम होने से मांग और आपुर्ति में संतुलन बिगड़ने की संभावना है, ऐस में केंद्र सरकार ने गेहूं के निर्यात पर तुरंत प्रभाव से प्रतिबंध लाग दिया है। आधिकारिक सूचना के अनुसार भारत ने बढ़ती घरेलू कीमतों को नियंत्रित करने के लिए ये फैसला लिया है।

डीडीएफटी ने जानकारी देते हुए बताया कि गेहूं की निर्यात नीति तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित है… ‘ यह भी स्पष्ट किया गया है कि भारत सरकार द्वारा अन्य देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए और उनकी सरकारों के अनुरोध के आधार पर दी गई अनुमति के आधार पर गेहूं के निर्यात की अनुमति दी जाएगी।

गौरतलब है कि देश में पिछ कई दिनों से खाद्य सामाग्री के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में आम लोगों की परेशानियां बढ़ रही हैं। अनुमान है कि देश में पेट्रोल-डीजल के साथ-साथ खाद्य पदार्थ भी महंगे होते जा रहे हैं। खाद्य तेल के दाम तो आसमान तो छू ही रहे हैं, वहीं गेहूं के आटे का दाम भी बढ़ गया है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछल वर्ष के मुकाबले इस वर्ष आटे के भाव में करीब 13 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। खुदरा बाजार में अब आटे की अधिकतम कीमत 59 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है और सोमवार को औसत कीमत 32.91 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो फिछले साल की समान अवधि की तुलना में लगभग 13 प्रतिशत अधिक है।

आपहै कि मंत्रालय 22 आवश्यक वस्तुओं चावल, गेहूं, आटा, चना दाल, अरहर दाल, उड़द दाल, मूंग दाल, मसूर दाल, चीनी, गुड़, मूंगफली तेल, सरसों का तेल, वनस्पति, सूरजमुखी तेल, सोया तेल, पाम तेल, चाय, दूध, आलू, प्याज, टामाटर और नमक की कीमतों की निगरानी करता है। इन वस्तुओं की कीमतों के आंकड़े देशभर में फैले 167 बाजार केंद्रो से एकत्र किए जाते हैं।

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