WhatsApp ने लगाया 18.58 लाख भारतीय एकाउंट्स पर प्रतिबन्ध, जानिये वजह

(विवेक)

वॉट्सऐप ने जनवरी महीने में भारत से 18.58 लाख एकाउंट्स को अपने प्लेटफॉर्म्स से हटा दिया है। वॉट्सऐप ने यह कदम अपने ग्राहकों की शिकायतों के बाद उठाया है। यह डाटा हर महीने प्रकाशित होने वाली रिपोर्ट से सामने आयी है। इसके अनुसार, 18.58 लाख खातों में से अधिकांश को उनके हानिकारक आचरण के आधार पर प्रतिबंधित कर दिया गया है।

वॉट्सऐप को 495 ऐसे भारतीय एकाउंट्स के बारे में शिकायतें मिली थीं ,जिन्होनेँ  ने दूसरे एकाउंट्स पर प्रतिबन्ध लगाने की अपील की थीं। वॉट्सऐप की और से कार्यवाही करते हुए ऐसे 24 एकाउंट्स को भी प्रतिबंधित कर दिया गया।

रिपोर्ट्स के अनुसार, यह कार्यवाही 1 जनवरी 2022 से 31 जनवरी 2022 के बीच एक महीने में की गई थीं। यह गौरतलब है की कंपनी 10 अंको वाले मोबाइल नंबर से पहले +91 ISD कोड के ज़रिये भारतीय खातों की पहचान करती है। वॉट्सऐप ने अक्टूबर 2021 मैं भी 20 लाख से अधिक खातों पर प्रतिबन्ध लगा दिया था। मेटा के मालिकाना हक वाले वॉट्सऐप ने तब कहा था की नई आईटी नियम 2021 का करते हुए यह कार्यवाही कर रहा है।

इसके बाद नवंबर में 17 लाख 50 हजार खातों को प्रतिबंधित किया गया था। दिसंबर में 20 लाख से ज्यादा इंडियन एकाउंट्स पर कार्यवाही हुई थीं। वॉट्सऐप हर समय अपने प्लेटफार्म से ऐसे एकाउंट्स को हटाता रहता है जिन पर संदेह होता  है। जिन एकाउंट्स को बैन करने की शिकायत मिलती है, उनके वॉट्सऐप एकाउंट्स पर “Account Actioned ” के रूप में दिखाई देता है। एक्शन लेने का मतलब है की या तो उस अकाउंट को बैन किया जा रहा है या तो फिर बैन किये गए खाते से रिस्टोर किया जा रहा है। भारत में आये नए आईटी  नियम पिछले साल मई से लागू किये गए थे। इन नियमों के अनुसार, 50 लाख से ज्यादा यूज़र्स वाले डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को हर महीने कम्प्लायंस रिपोट्स को प्रकाशित करनी होगी। इस रिपोर्ट में प्राप्त कम्प्लेंट और उन पर लिए गए एक्शन की सारी सुचना व  जानकारी देनी होगी ।

वॉट्सऐप ने इससे पहले भी अपने प्लेटफार्म की सुरक्षा को लेकर काफी ज़ोर दिया था की उसके प्लेटफार्म पर मेसेजिंग, एंड टू एंड एन्क्रिप्शन की सिक्योरिटी के साथ होती है और वॉट्सऐप के पास यूज़र का कंटेंट देखने की सुविधा नहीं है। किसी भी एकाउंट्स के बेहेवियर को जानने के लिए वॉट्सऐप के पास यूजर रिपोर्ट्स , प्रोफाइल फोटो, ग्रुप फोटो और डेक्रिप्शन की ही एक्सेस की सुविधा होती है। इन सबके अलावा कंपनी आर्टिफीसियल टूल्स का भी इस्तेमाल करती है ताकि प्लेटफार्म का प्रयोग गलत काम के लिए न किया जा सके।

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