आखिर क्या है पिगमेंटेशन? जानिए इसके कभी न सुने गए नुकसान

पिगमेंटेशन त्वचा की सामान्य समस्या है। आप सभी ने त्वचा के मुहांसे, पिंपल्स, टैनिंग आदि के बारे में तो खूब सुना और देखा होगा। पिगमेंटेशन स्किन की एक ऐसी बीमारी है जिससे हर किसी को कभी न कभी गुजरना ही पड़ता है। स्किन की इस बीमारी के बारे में ज्यादा तर किसी को कोई जानकारी नहीं है। आज हम आपको बताएंगे कि पिगमेंटेशन होता क्या है और यह कितने प्रकार का होता है।

पिगमेंटेशन

क्या है पिगमेंटेशन

पिगमेंटेशन स्किन की एक सामान्य समस्या है। जिससे हर इंसान को कभी न कभी गुजरना ही पड़ता है। इस बीमारी में त्वचा का कुछ हिस्सा हल्का हो जाता है जिस वजह से स्किन दो रंगों में दिखने लगती है। यह शरीर में मेलालिन के बढ़ जाने से धीरे-धीरे फैलता है। जब यह बीमारी ज्यादा फैल जाती है तो स्किन पर धब्बे भी पड़ने लगते हैं।

पिगमेंटेशन के प्रकार-

झाइयां

यह त्वचा की एक ऐसी समस्या है जो ज्यादातर सभी को एक उम्र के बाद परेशान करती है। झाइयों में त्वचा पर अजीब से निशान य चकते पड़ने लगते हैं। जब यह चकते बड़े हो जाते हैं तो इनमे जलन भी होने लगती है।

पीआईएच

यह पिगमेंटेशन का ही एक रूप है जिसे इंन्फ्लेमेंटरी हायपरपिगमेंटेशन कहते हैं। यह समस्या आमतौर पर शरीर पर किसी चोट य घाव के लगने के बाद होती है। इसके अलावा लेजर थेरेपी के बाद भी यह समस्या आने लगती है। कुछ लोग जरूरत से ज्यादा केमिकल प्रोडक्ट इस्तेमाल करते हैं जिस वजह से भी पीआईच की समस्या पैदा होने लगती है।

पुल्टिस

इस बीमारी को च्लोसमा के नाम से भी जाना जाता है। यह बीमारी अमूमन गर्भवती महिलाओं को ही होती है। कुछ लोग इसे ‘माक्सक ऑफ प्रेग्नेंनसी’ भी कहते हैं।  इस बीमारी में त्वचा में मेलानिन की मात्रा अधिक हो जाती है। जिस वजह से गर्भवती महिलाओं के चेहरे और पेट के आस-पास कुछ तरह के निशान दिखने लगते हैं। यह निशान बड़ी ही तेजी से बढ़ते भी है।

सन डैमेज

सन डैमेज भी पिगमेंटेशन का ही एक प्रकार है। यह समस्या उन लोगों को अधिक रहती है जो ज्यादातर सूर्य की तेज रोशनी के संपर्क में रहते हैं। सूर्य की हानिकारक अल्ट्रा  वायलेट किरणों से त्वजचा को काफी नुकसान होता है। इस बीमारी में धब्बे छोटे और गहरे होते हैं। आमतौर पर यह निशान सिर्फ चेहरे और हाथों पर ही होते हैं।

मेलेसमा

गर्मी के मौसम में यह समस्या काफी आम है। यह समस्या पुरुषों की बजाय महिलाओं में ज्यादा देखने को मिली है। यह समस्या महिलाओं में गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन करने से होती है। यह समस्या सूर्य की रोशनी में भी रहने से होती है। इस बीमारी में गाल,नाक,माथा और होंठ पर भूरे रंग के निशान पड़ने लगते हैं। यह बीमारी केवल दस फीसद पुरुषों में देखी गई है।

LIVE TV