
लोकसभा चुनावों के पांचवें चरण में बिहार की सीतामढ़ी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सारण और हाजीपुर (सु.) सीट पर 82 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होगा। जनता सारण में लालू की विरासत उनके समधी चंद्रिका राय और हाजीपुर में रामविलास की विरासत उनके भाई पशुपति कुमार पारस को सौंपेगी या नहीं, यह बड़ा सवाल है।
वहीं मधुबनी में भी देखना होगा कि हुकुमदेव की विरासत बेटे अशोक यादव को मिलेगी या नहीं। मधुबनी को छोड़कर बाकी चार सीटों पर राजग और गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है। मधुबनी में कांग्रेस के बागी उम्मीदवार शकील अहमद ने मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है।
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दरअसल भाजपा ने यहां से सांसद रहे हुकुमदेव नारायण यादव के बेटे अशोक को टिकट दिया है। महागठबंधन से वीआईपी के बद्री पूर्वे मैदान में हैं।
1977 के बाद यहां से लगातार रामविलास पासवान चुनाव लड़ते रहे हैं। इस बार उन्होंने विरासत छोटे भाई पशुपति पारस को सौंपी है। क्षेत्र में यादव, राजपूत, भूमिहार, कुशवाहा, पासवान और रविदास सर्वाधिक हैं। देखना दिलचस्प रहेगा कि रामविलास की विरासत को उनके भाई आगे बढ़ा पाते हैं या सामाजिक समीकरण के बूते शिवचंद्र राम बाजी मार ले जाते हैं।
झारखंड में 14 लोकसभा सीटों में से चार पर छह मई को वोट पड़ेंगे। इनमें राजधानी रांची सहित हजारीबाग, कोडरमा और खूंटी सीट शामिल है। अधिकतर जगहों पर महागठबंधन और भाजपा में मुकाबला है।
प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी यहां महागठबंधन के प्रत्याशी हैं। उनके सामने भाजपा ने पूर्व विधायक व राजद की नेता रहीं अन्नपूर्णा देवी को उतारा है।
आठ बार यहां से सांसद रहे करिया मुंडा की जगह भाजपा ने तीन बार सीएम रहे अर्जुन मुंडा को मैदान में उतारा है। अर्जुन के सामने कांग्रेस से कालीचरण मुंडा हैं। भाजपा की बड़ी चुनौती पातालगढ़ी आंदोलन से उपजी सत्ता विरोधी लहर है।