#VoteKaro# बिहार में विरासत बचाने की तैयारी में…

लोकसभा चुनावों के पांचवें चरण में बिहार की सीतामढ़ी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सारण और हाजीपुर (सु.) सीट पर 82 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होगा। जनता सारण में लालू की विरासत उनके समधी चंद्रिका राय और हाजीपुर में रामविलास की विरासत उनके भाई पशुपति कुमार पारस को सौंपेगी या नहीं, यह बड़ा सवाल है।

 

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वहीं  मधुबनी में भी देखना होगा कि हुकुमदेव की विरासत बेटे अशोक यादव को मिलेगी या नहीं। मधुबनी को छोड़कर बाकी चार सीटों पर राजग और गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है। मधुबनी में कांग्रेस के बागी उम्मीदवार शकील अहमद ने मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है।

 

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लेकिन तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों की राजनीतिक भूमि सारण में राजग से भाजपा के राजीव प्रताप रूडी और महागठबंधन से राजद के चंद्रिका प्रसाद राय आमने-सामने हैं।
जहां लालू यादव यहां से चार बार सांसद रहे, जबकि रूडी तीन बार चुने गए। चंद्रिका पूर्व सीएम दारोगा राय के पुत्र और लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप के ससुर हैं। हालांकि तेज प्रताप ससुर को टिकट दिए जाने से नाराज हैं। अब देखना यह है कि सारण की जनता लालू की विरासत समधी को सौंपती है या रूडी जीत का चौका लगाते हैं। 2014 में रूडी ने पूर्व सीएम राबड़ी देवी को हराया था।

दरअसल भाजपा ने यहां से सांसद रहे हुकुमदेव नारायण यादव के बेटे अशोक को टिकट दिया है। महागठबंधन से वीआईपी के बद्री पूर्वे मैदान में हैं।

वहीं कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे डॉ. शकील अहमद निर्दलीय लड़ रहे हैं। शकील को राजद से निष्कासित अली अशरफ फातमी का भी समर्थन प्राप्त है। ब्राह्मण-मुसलमान का समीकरण बनता है तो मुकाबला शकील और अशोक के बीच हो सकता है।

1977 के बाद यहां से लगातार रामविलास पासवान चुनाव लड़ते रहे हैं। इस बार उन्होंने विरासत छोटे भाई पशुपति पारस को सौंपी है। क्षेत्र में यादव, राजपूत, भूमिहार, कुशवाहा, पासवान और रविदास सर्वाधिक हैं। देखना दिलचस्प रहेगा कि रामविलास  की विरासत को उनके भाई आगे बढ़ा पाते हैं या सामाजिक समीकरण के बूते शिवचंद्र राम बाजी मार ले जाते हैं।

झारखंड में 14 लोकसभा सीटों में से चार पर छह मई को वोट पड़ेंगे। इनमें राजधानी रांची सहित हजारीबाग, कोडरमा और खूंटी सीट शामिल है। अधिकतर जगहों पर महागठबंधन और भाजपा में मुकाबला है।

महागठबंधन में कांग्रेस और राजद के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा और विकास मोर्चा प्रजातांत्रिक हैं। हजारी बाग में केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा मैदान में हैं। हजारी बाग सीट को छोड़कर अन्य तीनों सीटों पर भाजपा संघर्ष का सामना कर रही है। अंदरूनी कलह, जोड़तोड़ ने उसके लिए मुसीबतें बढ़ाई हैं। भाजपा ने 2014 में 12 सीटें जीती थीं। ब्यूरो

प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी यहां महागठबंधन के प्रत्याशी हैं। उनके सामने भाजपा ने पूर्व विधायक व राजद की नेता रहीं अन्नपूर्णा देवी को उतारा है।

आठ बार यहां से सांसद रहे करिया मुंडा की जगह भाजपा ने तीन बार सीएम रहे अर्जुन मुंडा को मैदान में उतारा है। अर्जुन के सामने कांग्रेस से कालीचरण मुंडा हैं। भाजपा की बड़ी चुनौती पातालगढ़ी आंदोलन से उपजी सत्ता विरोधी लहर है।

 

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