Vijay Diwas 2020 : 49 साल पहले भारतीय जवानों ने 93 हजार पाक सैनिकों से कराया था आत्मसमर्पण , पाक सेनिकों ने ऐसे टेके थे घुटने

16 दिसंबर विजय दिवस का दिन हमारे ऐतिहास में सबसे अहम दिन माना जाता है | भारतीय इतिहास के पन्नों में स्वर्ण‍िम अक्षरों से लिखा वह दिन है,जो पाकिस्तान पर भारत की ऐतिहासिक विजय की याद दिलाता है। 16 दिसंबर 1971, यही वह तारीख थी, जब भारत ने युद्ध में पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी थी। इस युद्ध में करीब 3,900 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे, जबकि 9,851 घायल हो गए थे। पूर्वी पाकिस्तान में भारत के पूर्वी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जगत सिंह अरोड़ा के समक्ष पाकिस्तानी बलों के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी ने इस दिन सरेंडर कर दिया था। उसके बाद 17 दिसम्बर को 93,000 पाकिस्तानी सैनिक युद्धबंदी बनाये गये।

वहीं, पूर्वी सेना कमान के आमंत्रण पर इस बार विजय दिवस समारोह में हिस्सा लेने के लिए बांग्लादेश से 36 सदस्य प्रतिनिधि मंडल सोमवार को कोलकाता पहुंचेंगे, जिसमें 30 मुक्ति योद्धा एवं 6 बांग्लादेशी सेना के अधिकारी होंगे। बता दें कि पिछले कई वर्षों से बांग्लादेश के 72 सदस्य प्रतिनिधि मंडल समारोह में हिस्सा लेने आते रहे हैं, लेकिन इस बार कोरोना के चलते 36 सदस्य प्रतिनिधि दल ही आ रहे हैं।

कोलकाता में पूर्वी सेना कमान के तत्वावधान में विजय दिवस समारोह 14 से 16 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान 1971 के युद्ध में हिस्सा लेने वाले मुक्ति योद्धाओं एवं भारतीय जांबाजों के बीच मुलाकात सहित कई कार्यक्रम होगा। सोमवार शाम में पूर्वी कमान मुख्यालय फोर्ट विलियम में सेना की ओर से स्वागत कार्यक्रम रखा गया है। इस युद्ध की पृष्‍ठभूमि साल 1971 की शुरुआत से ही बनने लगी थी। पाकिस्तान के सैनिक तानाशाह याहिया ख़ां ने 25 मार्च 1971 को पूर्वी पाकिस्तान की जन भावनाओं को सैनिक ताकत से कुचलने का आदेश दे दिया था।

LIVE TV