Uttrakhand: पाकिस्तानी गोलाबारी में शहीद दो जवानों के पार्थिव शरीर पहुंचे, परिजनों में कोहराम

इस वक्त देश बड़े संकट से लड़ रहा है लेकिन एक संकट है जो हमेशा से ही देश की सीमाओं और अंदर तक के लोगों ने आजतक देखा और महसूस किया है. उस जंग में शहीद हुए जवानों की शहादत को कभी नहीं भूलाएया जाएगा. उत्तरी कश्मीर के बारामुला के उड़ी और रामपुर सेक्टर में पाकिस्तानी गोलाबारी में शहीद दोनों जवानों के पार्थिव शरीर उत्तराखंड पहुंच गए हैं. पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट के 21 कुमाऊं रेजीमेंट में तैनात गंगोलीहाट ब्लॉक के नाली गांव निवासी शहीद नायक शंकर सिंह (31) का पार्थिव शरीर हेलीकॉप्टर से गंगोलीहाट तहसील के दसाईथल हेलीपैड पर लाया गया है.

 

जवान

यहां से अब  पार्थिव शरीर को वाहन से उनके पैतृक गांव गाँव नाली लाया जाएगा। वहीं, मुनस्यारी ब्लॉक के नापड़ गांव निवासी हवलदार गोकर्ण सिंह (41) के पार्थिव शरीर को वायु सेना के हेलीकॉप्टर से मुनस्यारी हेलीपैड पर उतारा गया। इसके बाद सेना के वाहन से पार्थिव शरीर को खतेड़ा उनके घर ले जाया गया। तहसीलदार दिनेश जोशी और एसओ आशिफ खान द्वारा शहीद को सलामी दी गयी। शाम को जवान का नाचनी के रामगंगा घाट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा।

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दोनों शहीदों के घर में मचा कोहराम

 

बता दें कि शुक्रवार देर रात को बारामुला के उड़ी और रामपुर सेक्टर में पाकिस्तानी सेना ने संघर्ष विराम का उल्लंघन कर सेना की अग्रिम चौकियों और रिहायशी इलाकों को निशाना बनाकर भीषण गोलाबारी की। इसमें कुमाऊं के पिथौरागढ़ जिले के 21 कुमाऊं रेजीमेंट में तैनात गंगोलीहाट ब्लॉक के नाली गांव निवासी नायक शंकर सिंह (31) और मुनस्यारी ब्लॉक के नापड़ गांव निवासी गोकर्ण सिंह (41) पुत्र गंगा सिंह शहीद हो गए। इस गोलाबारी में पिथौरागढ़ निवासी नायक प्रदीप कुमार और बागेश्वर जिला निवासी नारायण सिंह के घायल होने की सूचना है।

 

 

शहीद शंकर सिंह के माता-पिता, पत्नी और छह साल का बेटा नाली गांव में रहते हैं। शंकर की शहादत की खबर सुनने के बाद से ही परिजन बदहवास हैं।  वहीं, शहीद गोकर्ण सिंह का परिवार वर्तमान में बरेली कैंट बंगला नंबर 26 में रहता है। गोकर्ण सिंह के शहीद होने की सूचना के बाद बरेली से उनकी पत्नी और दो बच्चों को गांव लाया जा रहा है।

 

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