Uttarakhand: नेपाल में सात मई तक लॉकडाउन बढ़ा, भारत में फंसे नेपाली नागरिकों को करना होगा इंतजार…

उत्तराखंड। कोरोना वायरस के फैलने से भारत के पड़ोसी देश भी सतर्क हो गए हैं. हाल ही में नेपाल ने अपने यहां सात मई तक लॉकडाउन रखने का फैसला किया है. यानि  भारत-नेपाल सीमा भी नेपाल की ओर से सात मई तक सील रहेगी. ऐसे में भारतीय क्षेत्र में फंसे नेपाली नागरिकों को अपने वतन लौटने के लिए और इंतजार करना पड़ेगा. अकेले चंपावत जिले में 214 नेपाली नागरिक फंसे है, जो राहत कैंपों में ठहराए गए हैं. इस फैसले ने भारत में फंसे नेपाली नागरिकों के लिए मुश्किलें बढ़ा दी है.

नेपाल

 

 

 

भारत-नेपाल सीमा सील होने से नेपाल से लगे भारतीय सीमा क्षेत्रों में सैकड़ों नेपाली नागरिक फंसे हुए हैं। पिथौरागढ़ के धारचूला, झूलाघाट और चंपावत के बनबसा, टनकपुर सीमा के रास्ते नेपाल जाने के लिए पहुंचे सैकड़ों लोग यहां राहत कैंपों में रहकर अपने वतन लौटने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

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गत 23 अप्रैल को नेपाल के कंचनपुर के जिलाधिकारी नूरहरी खतिपड़ा, एसपी मुुकुंद मरासैनी और नेपाल सशस्त्र पुलिस के एसपी वीर बहादुर साहु सीमा के इस पार आकर राहत कैंपों में ठहरे नेपाली नागरिकों की व्यथा से रूबरू होकर लौटे तो उम्मीद थी कि नेपाल सरकार अपने नागरिकों को ले जाएगी।

 

 

लेकिन नेपाल सरकार ने फिलहाल अपने नागरिकों को ले जाने से मना कर दिया है। इस बीच, कोरोना का संक्रमण बढ़ने से नेपाल सरकार ने अब लॉकडाउन सात मई तक बढ़ा दिया है।

 

 

सीमा पार से मिली जानकारी के मुताबिक, नेपाल में अब तक कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 52 पहुंच चुकी है और संक्रमित तीन जमातियों समेत 14 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। जबकि कोरोना से मौत का आंकड़ा अभी शून्य है।

 

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