US Election 2020: जानिए कैसे होता है दुनिया के सबसे ताकतवर नेता का चुनाव

3 नवंबर को अमेरिका में राष्ट्रपति का चुनाव होने जा रहा है। पूरी दुनिया की नजर अमेरिकी राष्टपति चुनाव पर टिकी है। इस चुनाव के जरिये तय होगा कि दुनिया का सबसे ताकतवर नेता कौन होगा और वाइट हाउस का दरवाजा किसके लिए खुलेगा। अब मन में यह सवाल उठता है कि आखिर इस ताकतवर नेता का चुनाव कैसे होता है। भारत से यह चुनाव प्रक्रिया किस तरह अलग है। आईये जानते है कैसे होता है अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव

अमेरिकी  राष्‍ट्रपति बनने की पूरी पात्रता का जिक्र संव‍िधान में किया गया है। अमेरिकी संविधान के अनुच्‍छेद 2 के (1) खंड में इसका पूरा विवरण दिया गया है। अगर कोई व्‍यक्ति अमेरिका का राष्‍ट्रपति बनने का इच्‍छुक है तो उसे इन शर्तों को पूरा करना होगा। इसके लिए सबसे पहले जरूरी है कि राष्‍ट्रपति पद पर खड़े होने वाले व्‍यक्ति का जन्‍म अमेरिका में हुआ हो और वह अमेरिका का नागरिक हो। उसकी उम्र कम से कम 35 वर्ष होनी चाहिए। चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति कम से कम 14 बरस तक अमेरिका में स्‍थाई रूप से रह रहा हो।

अमेरिका में राष्‍ट्रपति उम्‍मीदवार के चुनाव की प्रकिया थोड़ी जटिल है। दरअसल, अमेरिका में टू पार्टी सिस्‍टम है। अमेरिका में दोनों राजनीतिक दलों (रिपब्लिकन पार्टी, डेमोक्रेटिक पार्टी) का अस्तित्‍व है। राष्‍ट्रपति चुनाव में दोनों प्रमुख दल अपने-अपने उम्‍मीदवार खड़ा करते हैं, जिसे जनता वोट देती है। उम्‍मीदवार बनने से पूर्व उम्‍मीदवारों को एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। पार्टी का उम्‍मीदवार कौन होगा इसका चयन जनता या पार्टी के समर्थक करते हैं।

सबसे पहले उम्‍मीदवारों के चयन की प्रक्रिया को उठाते हैं। प्रत्‍याशियों के चयन में प्राइमरी और कॉकसस की प्रक्रिया अहम है। पार्टी का कोई भी कार्यकर्ता चुनाव में खड़ा हो सकता है अलबत्‍ता उसे प्राइमरी और कॉकसस की प्रक्रिया से गुजरना होगा। प्रत्‍याशी बनने के लिए पहले अमेरिकी राज्‍यों में प्राइमरी चुनाव को जीतना पड़ता है। यह चुनाव राज्‍यों में होते हैं। इसमें पार्टी के समर्थकों के साथ-साथ आम जनता भी मतदान में हिस्‍सा ले सकती है। दूसरी प्रक्रिया कॉकसस है। प्रत्‍याशियों के लिए पार्टी की तरफ से  चुनाव कराए जातें हैं, इसमें पार्टी के समर्थक एक जगह एकत्र होते हैं और विभिन्‍न विषयों पर चर्चा करते हैं। राष्‍ट्रपति प्रत्‍याशी को सुनने के बाद पार्टी समर्थक सभा में हाथ खड़े करके अपना समर्थन देते हैं।

कॉकसस और प्राइमरी चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद दोनों राजनीतिक दलों की ओर से राष्‍ट्रपति पद के उम्‍मीदवरों का नाम तय हो जाता है, लेकिन प्रत्‍याशियों के नाम की आधिकारिक घोषणा नेशनल कन्‍वेंशन में की जाती है। रिपब्लिकन पार्टी अगस्‍त के महीने में नेशनल कन्‍वेंशन का आयोजन करती है, जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी का यह आयोजन जुलाई महीने में होता है। नेशनल कन्‍वेंशन में दोनों राजनीतिक दलों के सर्वोच्‍च नेता इसका ऐलान करते हैं। इसके बाद राष्‍ट्रपति पद का उम्‍मीदवार समर्थकों के समक्ष भाषण देता है। इसी समय उप राष्‍ट्रपति पद के उम्‍मीदवार के नाम की घोषणा की जाती है। अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव की असल प्रक्रिया शुरू होती है, जब पार्टी की ओर से चुना गया उम्‍मीदवार देश में प्रचार के लिए निकलता है।

अमेरिका में हमेशा नवंबर के पहले सप्‍ताह में राष्‍ट्रपति पद के लिए मतदान होता है। इस मतदान में जनता प्रत्‍यक्ष चुनाव में भाग नहीं लेती। अमेरिकी जनता सर्वप्रथम स्‍थानीय स्‍तर पर इलेक्‍टर का चुनाव करती है। यह अमेरिकी राष्‍ट्रपति पद के उम्‍मीदवार के प्रतिनिधि होता है। इसके समूह को इलेक्‍टोरल कॉलेज कहा जाता है। इसमें कुल 538 सदस्‍य होते हैं। यह सदस्‍य अलग-अलग राज्‍यों से आते हैं। जनता सीधे इन्‍हीं सदस्‍यों को चुनती है, जो राष्‍ट्रपति का चुनाव करते हैं। राष्‍ट्रपति बनने के लिए प्रत्‍याशी को 270 से अधिक इलेक्‍टर्स के समर्थन की जरूरत होती है। निर्वाचित राष्‍ट्रपति 20 जनवरी को राष्‍ट्रपति और उप राष्‍ट्रपति पद की शपथ लेता है।

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