UP के 11 शहरों में खुलेंगे मेडिकल कॉलेज
एजेंसी/प्रदेश के मेडिकल एजुकेशन में साइलेंट रिवॉल्यूशन चल रहा है। सरकार इस वर्ष 11 नए मेडिकल कालेज खोलने की तैयारी कर रही है। ग्रेटर नोएडा, जौनपुर, चंदौली, नजीबाबाद, शाहजहांपुर, फिरोजाबाद, बस्ती, फैजाबाद के मेडिकल कॉलेज का बजट में प्रावधान कर दिया गया है। बहराइच के लिए भी शीघ्र ही केंद्र से अप्रूवल मिल जाएगा। इन मेडिकल कॉलेजों के खुलने से प्रदेश में एमबीबीएस की सीटें लगभग तीन हजार हो जाएंगी। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा अनूप चंद पांडेय ने बताया कि स्वास्थ्य क्षेत्र का बजट 1600 करोड़ से 3100 करोड़ किया गया है।
साथ ही एसजीपीजीआई के 500 करोड़ के ऋण की गारंटी दी गई है। इससे वहां इमरजेंसी मेडिसिन, रोबोटिक सर्जरी, ट्रांसप्लांट सेंटर जैसी सुविधाएं शुरू होंगी।
एमबीबीएस: 2012 में मेडिकल कॉलेजों में कुल 1140 एमबीबीएस सीटें थीं। चार सालों में ये 1740 हो गई है। बांदा मेडिकल कॉलेज को 100 सीटों की मान्यता जल्दी मिलेगी।
बदायूं, ग्रेटर नोएडा और लोहिया इंस्टीट्यूट की 400 सीटें अगले साल बढ़ जाएंगी। इससे संख्या 2140 तक पहुंच जाएगी। आजादी के बाद 75 सालों में प्रदेश में 8 मेडिकल कॉलेज मिले लेकिन इस साल ही 11 मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं।
एमडी:मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अधिक से अधिक हायर फैकल्टी खोलने पर ध्यान दिया। इसके लिए सुपर स्पेशियलिटी विभाग खोले जा रहे हैं। केजीएमयू को 12 नए विभाग दिए गए हैं।
पांच अन्य विभागों को एक महीने के अंदर अनुमति दे दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने 18 सुपर स्पेशियलिटी विभागों का रिम्स सैफई में भी उद्घाटन किया है। इन विभागों के खुलने से प्रदेश में एमडी की एक हजार सीटें हो जाएंगी, जबकि अभी सिर्फ 603 सीटें ही हैं।
नर्सिंग स्टाफ:2012 में प्रदेश में नर्सिंग के 151 सेंटर थे और सिर्फ 5850 नर्सें हर साल तैयार हो रही थी वहीं, अब सेंटर की संख्या 186 हो गई है और 16 हजार नर्सें हर साल प्रशिक्षित हो रही हैं।
पैरामेडिकल स्टाफ :पैरामेडिकल के 2012 में 120 ट्रेनिंग सेंटर थे वही अब ये संख्या 326 हो चुकी है। अब 3350 के स्थान पर हर साल 8360 पैरामेडिकल प्रशिक्षित होकर निकल रहे थे।