संसद में पक्ष-विपक्ष के बीच हुआ ज़ोरदार हंगामा, जानिए आज के दिन का पूरा कच्चा चिट्ठा

संसद के बजट सत्र के दूसरे फेज के दूसरे के दूसरे दिन भी पक्ष और विपक्ष के बीच हंगामा देखने को मिला। जहां एक तरफ सत्ता पक्ष ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के लंदन में दिए गए भाषण पर जोरदार हंगामा किया और कहा की माफी मांगे राहुल गाँधी। तो वहीं दूसरी ओर विपक्ष ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले में जेपीसी की मांग उठाई।

  • सत्र की कार्यवाही शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, पीयूष गोयल, नरेंद्र सिंह तोमर, किरेन रिजिजू, अनुराग ठाकुर और नितिन गडकरी सहित कई शीर्ष मंत्रियों के साथ बैठक की। जबकि संसद में समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों की बैठक भी हुई।
  • राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन स्थित कक्ष में हुई बैठक में खरगे के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, द्रमुक के टीआर बालू, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के संजय राउत, आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा और कई अन्य दलों के नेता शामिल हुए। तृणमूल कांग्रेस इस बैठक में शामिल नहीं हुई। सके सदस्यों ने अडानी समूह से जुड़े विषय को लेकर संसद परिसर में प्रदर्शन किया।
  • मंगलवार को संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा भी शुरू हो गया। राज्यसभा में फिर से पीयूष गोयल ने राहुल गांधी के बयान का मुद्दा उठाया. सत्ता पक्ष राहुल गांधी से माफी मांगने की मांग पर अड़ा रहा। वहीं विपक्ष की तरफ से लगातार जेपीसी जांच की मांग उठाई गई। हंगामे के बीच लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही पहले दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित की गई और फिर बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इसके बाद कांग्रेस ने अडानी विवाद सहित विभिन्न मुद्दों पर संसद में विरोध प्रदर्शन किया।
  • इससे पहले हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जेपीसी जांच की मांग को लेकर कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले की जांच और इस मुद्दे पर सदन में चर्चा की मांग करते हुए नियम 267 के तहत सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस दिया। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद शक्तिसिंह गोहिल ने सदन में लोकसभा सांसद राहुल गांधी का नाम लेने के लिए केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता पीयूष गोयल के खिलाफ एक विशेषाधिकार प्रस्ताव पेश किया।
  • केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि देश में किसने तानाशाही की, उनकी पार्टी में किस तरह की तानाशाही चल रही है और खरगे जी के साथ कैसा व्यवहार होता है ये सबको पता है। राहुल गांधी और उनकी ड्रामा कंपनी को लगता है कि वो देश में शासन करने के लिए पैदा हुए हैं ये उनकी तानाशाही दिखाती है। उन्होंने कहा कि सदन में उनका माइक बंद कर दिया गया था और उन्होंने बाहर के देशों को भारत के मामले में दखल देने के लिए कहा इसलिए हम चाहते हैं कि राहुल गांधी माफी मांगे।
  • कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी आज भारत लौटेंगे और कल संसद आएंगे। सत्ता पक्ष के हंगामे पर पलटवार करते हुए कांग्रेस के लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सरकार खुद सदन नहीं चलाना चाहती। ऐसा नजारा कभी देखा है कि सरकार के मंत्रियों ने सदन को ठप करने के लिए किस तरह से हंगामा किया। राहुल गांधी माफी क्यों मांगेंगे? उन्होंने क्या गुनाह किया है? माफी तो इन लोगों को मांगनी चाहिए।
  • कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने कहा कि पूरा विपक्ष केवल पीएम से जुड़े अडानी मेगास्कैम में जेपीसी की अपनी वैध मांग उठा रहा है। मोदी सरकार के लगातार इनकार के कारण संसद में गतिरोध बना हुआ है। ये एकमात्र मुद्दा है, बाकी जिस भी बात पर हंगामा हो रहा है वो पीएम और उनके सहयोगियों की ओर से ध्यान भटकाने के लिए किया जा रहा है।
  • केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि इनकी सरकार (कांग्रेस) विवादों में घिरी रही। आज मोदी की सरकार उम्मीदों में घिरी है. ये अडानी,अंबानी, जेपीसी तो बहाना है, इन्हें बस मोदी को गाली देनी है। ये विदेश में जाकर लोकतंत्र, सदन को गाली दे रहे हैं. इन्होंने देश को अपमानित किया है और इनको माफी मांगनी चाहिए।
  • केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि आज भारत एक ओर वैश्विक स्तर पर महाशक्ति के रूप में उभर रहा है और भारत G20 की अध्यक्षता कर रहा है। दूसरी ओर राहुल गांधी विदेश में जाकर भारत को अपमानित करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। बीजेपी सांसद हेमा मालिनी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमारे देश का नाम ऊंचा कर रहे हैं। विदेश में कहीं भी जाओ तो आज सब लोग भारत का नाम पसंद करते हैं. विदेश में जाकर हमारे देश के बारे में ऐसा बोलना उचित नहीं है।
  • कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि राहुल गांधी ने ऐसा कुछ भी नहीं कहा है जिसके लिए माफी की जरूरत हो। उन्होंने हमारे लोकतंत्र की स्थिति के बारे में चिंता व्यक्त की। पीएम नरेंद्र मोदी ने विदेशों में जो कहा है, ये उसके सामने कुछ भी नहीं। उन्होंने सत्ता में आने से पहले कांग्रेस पार्टी, पिछली सरकार पर लगातार हमला किया। विदेश में इस तरह के बयानों की शुरुआत कांग्रेस ने नहीं पीएम मोदी ने की।
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