UP : उपचुनाव में टूटा सपा और कांग्रेस का महागठबंधन, उतारे अलग-अलग उम्मीदवार

यूपी विधानसभा चुनावलखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव 2017 के दौरान यूपी की सत्ता पर अपना कब्ज़ा जमाने के लिए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी ने महागठबंधन का ऐलान किया था। हालांकि यूपी की जनता पर इसका कोई ख़ास प्रभाव नहीं पड़ा था। नतीजा वही ‘ढ़ाक के तीन पात’ यानि दोनों ही पार्टियों को करारी हार मिली। इसका परिणाम ये निकला है कि उत्तर प्रदेश के उपचुनावों के लिए दोनों ने अपना महागठबंधन तोड़ दिया है।

जानकारी के लिए बता दें कि, कानपुर की सिकंदरा सीट से बीजेपी एमएलए मथुरा प्रसाद पाल का निधन होने की वजह से इस सीट पर उपचुनाव होने जा रहा है। 21 दिसंबर को होने वाले उपचुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस दोनों ने ही अलग-अलग लड़ने का फैसला लिया है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश के उपचुनावों के लिए अलग-अलग उम्मीदवार खड़े कर दिए हैं।

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विधानसभा के उपचुनाव अलग-अलग लड़ने से राज्य में दोनों दलों की साझेदारी खत्म हो गई है, जबकि एसपी चीफ अखिलेश यादव दोनों दलों का गठबंधन बने रहने की बात लगातार कहते रहे हैं। एसपी प्रवक्ता और अखिलेश यादव के करीबी सहयोगी सुनील सिंह ने कहा, ‘फिलहाल हमारा किसी के साथ कोई गठबंधन नहीं है। कांग्रेस के साथ हुआ गठबंधन यूपी चुनाव के साथ खत्म हो गया। हम फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र के लिए होने वाला उपचुनाव भी अलग से लड़ेंगे। अगर 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन होगा तो वह नए सिरे से होगा।

‘ यूपी कांग्रेस के प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने भी कुछ ऐसा ही बयान दिया है। उन्होंने कहा, ‘गठबंधन सिर्फ यूपी एसेंबली इलेक्शन के लिए था। अब हम फ्री हैं। आगामी उपचुनावों के लिए हम अलग से तैयारी कर रहे हैं।’

2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर बीएसपी 38000 मतों के साथ दूसरे नंबर पर रही थी। फिलहाल इस बात की कयासबाजी चल रही है कि मायावती फूलपुर सीट से लोकसभा उपचुनाव लड़ सकती हैं। यहां से एमपी रहे केशव प्रसाद मौर्य ने डेप्युटी चीफ मिनिस्टर बनने के बाद इस सीट से इस्तीफा दे दिया था।

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इन हालात में कुछ जानकारों का कहना है कि एसपी और कांग्रेस 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले ‘विपक्ष की एकता’ के प्रदर्शन के लिए फूलपुर सीट से मायावती को सपॉर्ट कर सकती हैं। यूपी बीजेपी के एक लीडर ने पहचान जाहिर नहीं किए जाने की शर्त पर कहा, ‘सिकंदरा के उदाहरण को देखते हुए ऐसा नहीं लगता कि बीएसपी या मायावती फूलपुर से चुनाव लड़ेंगी। एसपी और कांग्रेस का संयुक्त मोर्चा पहले ही ध्वस्त हो चुका है।’

यूपी बीजेपी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी के मुताबिक पार्टी को पूरा भरोसा है कि वह सिकंदरा सीट आसानी से जीत लेगी। बीजेपी ने दो बार विधायक रहे मथुरा प्रसाद पाल के बेटे अजित पाल को टिकट दिया है। पार्टी और कैंडिडेट, दोनों को सहानुभूति वाला वोट मिलने की पूरी उम्मीद है।

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