UNO ने जारी किया खुशहाल देशों का सूचकांक, इस बार भी Finland का दबदबा बरकरार

दिलीप कुमार

संयुक्त राष्ट्र नें हाल ही में खुशहाल देशों का वार्षिक सूचकांक जारी किया है। इस सूची में लगातार पांचवे वर्ष भी फिन लैंड का स्थान सबसे खुशहाल देशों में टॉप वन पोजिशन पर बरकरार है। अफगानीस्तान को सबसे नाखुश देश के रूप में सबसे आखिरी रैंक दिया गया है। इसके बाद लेबनान का स्थान है। बता दें कि यह सूची रूस का यूक्रेन पर हमला करने से पहले ही तैयार हो गई है।

बल्गुरिया, रोमानिया और सर्बिय ने भलाई में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की है। शुक्रवार को जारी हुए खुशहाल देशों के सूची में आखिरी पायदान में लेबनान, वेनेजुएला और अफगानिस्तान स्थित है।

आर्थिक मंदी से जूझ रहा लेबनान 146 देशों के सूची में पिछली बार के मुकाबले इस बार जिम्बाब्वे से भी पिछड़ गया है। वहीं अफगानीस्तान से अमेरिकी सेना के वापस आ जाने के बाद वहां तालीबान का नियंत्रण स्थापित हो से मानवीय संकट गहरा गया है। इसी लिए उसका रैंकिंग पिछली बार के अपेक्षा इस बार और नीचे आ गया है।

जान-इमैनुएल डी नेवे के अनुसार यह सूचकांक यूद्ध से पीड़ित लोगों के सामाग्री और अभौतिक क्षति को ध्यान में रखते हुए तैयार की जाती है।
वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट पिछले दस वर्षों से जारी किया जा रहा है। यह रिपोर्ट लोगों के खुशी का आकलन करने के साथ-साथ आर्थिक और समाजिक आंकड़ों पर आधारित होता है। यह रिपोर्ट पिछले तीन वर्ष के डाटा पर आधारित होता है। उपलब्ध डेटा के अनुसार किसी भी देश को 0 से 10 अंक के बीच मार्क किया जाता है।

इस बार के ताजा रिपोर्ट के मुताबिक उत्तरी यूरोपीय देश एक बार फिर शीर्ष स्थान पर हाबी है। पहले पर फिनलैंड, दूसरे स्थान पर डेन, तीसरे स्थान पर आइसलैंड और चौथे स्थान पर डच का स्थान है। वहीं दूसरी ओर यूएसए ने इस बार तीन स्थान बढ़कर 16 वें स्थान पर पहुंच गया है, जो कि ब्रिटेन से एक स्थान आगे है। फ्रांस अबतक की सर्वोच्च रैंकिंग पर पहुंच कर 20वां स्थान प्राप्त किया है।

यह सूची प्रत्येक देश में गैलप पोल के आधार पर किसी देश के नागरिकों के व्यक्तिगत भावना, हैप्पीनेस स्कोर जीडीपी, सामाजिक समर्थन, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और भ्रष्टाचार के स्तर पर निर्धारित होती है।

इस बार के सूची में कोविड से पहले और बाद में लोगों के भावनाओं हुए परिवर्तन को समझने के लिए सोशल मीडिया का भी सहारा लिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक 18 देशों में चिंता और उदासी में मजबूत वृद्धि पाया गया लेकिन क्रोध की भावनाओं में गिरावट दर्ज की गई।
इस रिपोर्ट के सह-लेखक जेफरी सैक्स ने बताया कि इस रिपोर्ट के आधार पर सरकारों को चहिए कि वह अपने नागरिकों के बीच सामाजिक समर्थन और एक-दूसरे के प्रति उदारता को बढ़ावा देने के लिए ईमानदार बनना पड़ेगा।

उधर नॉर्डिक देशों में 5.5 मिलियन लोगों में से कई खुद को मौन और उदासी के रूप में एक्सप्रेस करते हैं और सार्वजनिक रूप से रूप से खुशनुमा प्रदर्शन को देखने के लिए स्वीकार करते हैं।

बता दें कि भारत खुशहाल देशों के लिस्ट में 136 वें पायदान पर है , जबकि वहीं भारत का पड़ोसी देश नेपाल 85 वें नंबर पर है। भारत की स्थिति दिन प्रति दिन बिगड़ती जा रही है। ऐसे में सरकार को कुछ अलग सोचना होगा। क्योंकि भारत को पीछे छोड़ते हुए बांग्लादेश की रैंकिंग 99 और पाकिस्तान की रैंकिग 103 है।

LIVE TV