केंद्रीय मंत्री ने कमरे में बंद कर अधिकारियों की पिटाई की, एक का हाथ टूटा, अस्पताल में भर्ती

केंद्रीय मंत्री विश्वेश्वर टुडू पर एक सरकारी अधिकारी ने समीक्षा बैठक के दौरान उन पर हमला करने, मारपीट करने और हाथ तोड़ने का आरोप लगाया है। अधिकारी के हाथ पर पट्टी बंधी है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह घटना केंद्रीय मंत्री विश्वेश्वर टुडू के गृह नगर ओडिशा के बारीपदा की है। बता दें की विश्वेश्वर टुडू केंद्र में जनजातीय मामलों और जलशक्ति राज्य मंत्री हैं।

विश्वेश्वर टुडू मयूरभंज से भाजपा के सांसद हैं और पिछले साल जुलाई में कैबिनेट पुनर्गठन के दौरान पीएम मोदी ने उन्हें राज्य मंत्री बनाया था। केंद्रीय मंत्री ने अपने कार्यालय में बैठक बुलायी थी। इस बैठक में जिला योजना एवं अनुश्रवण इकाई (District Planning and Monitoring Unit) के उप निदेशक अश्विनी कुमार मलिक एवं सहायक निदेशक देबाशीष महापात्र को बुलाया गया।

समीक्षा बैठक के दौरान भड़के मंत्री

पीड़ितों का कहना है कि समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री किसी बात को लेकर काफी भड़क गए और उन्होंने अंदर से दरवाजा बंद कर दोनों अधिकारियों पर कुर्सी से हमला कर दिया. इस हमले में देबाशीष महापात्रा का हाथ टूट गया है। जबकि अश्विनी कुमार मलिक को चोटें आई हैं। दोनों अधिकारियों को बारीपदा के पीआरएम मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।

घायल अधिकारी देबाशीष महापात्र ने कहा, “मंत्री ने पहले हमें यह कहते हुए डांटा कि हमने प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है। हमने उन्हें समझाने की कोशिश की कि अगर हम आदर्श आचार संहिता के समय फाइलों के साथ उनके कार्यालय गए, तो यह होगा यह अनुचित होता। आगामी पंचायत चुनाव के कारण राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू है। लेकिन, वह नाराज हो गया और हमें मारना शुरू कर दिया।”

केंद्रीय मंत्री ने आरोपों से किया इनकार

केंद्रीय मंत्री बिश्वेश्वर टुडू ने आरोपों का स्पष्ट रूप से खंडन किया है और कहा है कि यह पंचायत चुनाव से पहले उनकी छवि खराब करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि आरोप झूठे और निराधार हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “वे मेरे पास आए, हम लगभग आधे घंटे बैठे रहे, दोपहर के भोजन का समय हो गया, समीक्षा बैठक पूरी नहीं हो सकी, इसलिए मैंने उन्हें कल फिर आने के लिए कहा, वे कभी वापस नहीं आए।” साथ ही केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैंने उनसे फाइलें लेकर आने को कहा कि केंद्र सरकार द्वारा दिए गए 7 करोड़ रुपये कैसे खर्च किए गए, अब वे निराधार आरोप लगा रहे हैं, अगर मैंने उन्हें पीटा होता, तो क्या वे (मेरे कार्यालय से) वापस आ सकते।

अधिकारी अश्विनी मलिक ने कहा किसी तरह बच निकला

अधिकारी अश्विनी मलिक ने कहा कि जब हम दोनों मंत्री के पार्टी कार्यालय में मिले तो उन्होंने आपा खो दिया क्योंकि हम एमपीलैड (MPLADS) की फाइल लाना भूल गए थे। उन्होंने कहा, “मंत्री हम दोनों पर भड़कने लगे और गाली-गलौज करने लगे और फिर हमें प्लास्टिक की कुर्सी से पीटना शुरू कर दिया, किसी तरह हम दोनों मौके से भागने में सफल रहे।” अब पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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