देश में बेरोजगारी चरम पर, CMIE ने जारी किया रिपोर्ट

भारत में बेरोजगारी इन दिनों चरम पर है। उपर से महगाई ने लोगों की कमर टोर डाली है। इसी बीच सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी यानी सीएमआईई ने बेरोजगारी दर को लेकर ताजा आकड़ा जारी किया है।

सीएमआईई के अनुसार भारत की बेरोजगारी दर अप्रैल महीने में बढ़कर 7.83 फीसदी हो गई है। वहीं मार्च महीने में भारत की बेरोजगारी दर 7.06 फीसदी थी। सीएमआईई रिपोर्ट में बताया गया है कि अप्रैल महीने में शहरी बेरोजगारी दर बढ़कर 9.22 फीसदी हो गई है, जो कि पिछले महीने के मुकाबले 1.06 फीसदी अधिक है, जबकि ग्रामीण बेरोजगारी दर पिछले महिने के मुकाबले इस बार 7.29 फीसदी से घटकर 7.18 फीसदी हो गई है।

अंतर्राष्ट्रीय समाचार एजेंसी रायटर के अनुसार देश के उत्तर राज्य हरियाण हाल खस्ता है, वहां इस महीने बेरोजगारी दर 34.5 फीसदी है। राजस्थान में बेरोजगारी दर 28.8 फीसदी है। बेरोजगारी रिपोर्ट को लेकर आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ती कीमतों के बीच आर्थिक सुधार की धीमी गति से रोजगार के अवसर प्रभावित हुए हैं।

सिंगापुर के कैपिटल इकोनॉमिक्स के अर्थशास्त्री शिलन शाह ने जानकारी देते हुए बताया है कि खदरा मुद्रास्फीति मार्च में बढ़कर 17 महीनों के उच्चतम स्तर पर बढ़कर 6.95 फीसदी हो गई है। उन्होंने कहा कि यह आकाड़ा वर्ष के अंतिम महीने 7.5 फीसदी तक पहुंचने का अनुमान है। उन्होंने यह भी दावा किया कि केंद्रीय बैंक आरबीआई रेपो दर में भी वृद्धि कर सकती है।

आपको बता दें कि देश में लोगों के द्वारा किए जा रहे श्रम का अनुपात भी कम होता जा रहा है। मार्च 2019 में 43.7 फीसदी से गिरकर मार्च 2022 में 39.5 फीसदी हो गई। श्रम में इस तरह के गिरावट से स्पष्ट होता है कि देश में बेरोजगारी बढ़ी है। सीएमआई के पुराने रिकॉर्ड के अनुसार महामारी के दौरान लाखों लोगों की नौकरिया चली गईं थी, जिनमें से ज्यादातर लोगों को अबतक रोजगार नहीं मिल पाया है।

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