
यूक्रेनी मीडिया और सेना की 63वीं मैकेनाइज्ड ब्रिगेड ने मंगलवार (7 अक्टूबर 2025) को दावा किया कि उन्होंने रूसी सेना की ओर से लड़ते हुए एक भारतीय युवक को पकड़ लिया है। पकड़े गए युवक की पहचान गुजरात के मोरबी जिले के 22 वर्षीय मजोती साहिल मोहम्मद हुसैन के रूप में हुई है, जो रूस में पढ़ाई के लिए गया था।
यूक्रेनी सेना ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें हुसैन खुद अपनी कहानी बता रहा है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा कि दावा सत्यापित करने के लिए जांच जारी है, और कीव स्थित भारतीय दूतावास को अब तक यूक्रेन की ओर से कोई आधिकारिक संचार नहीं मिला है।
हुसैन का दावा: ड्रग्स मामले में जेल, फिर रूसी सेना में जबरन भर्ती
यूक्रेनी ब्रिगेड के टेलीग्राम चैनल पर जारी वीडियो में हुसैन ने बताया कि वह रूस में यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के लिए छात्र वीजा पर गया था। वहां ड्रग्स संबंधी एक मामले में दोषी ठहराया गया, जिसके बाद उसे सात साल की जेल की सजा सुनाई गई। जेल में रूसी अधिकारियों ने उसे सौदा दिया: रूसी सेना में शामिल हो जाओ, तो सजा माफ हो जाएगी। हुसैन ने कहा, “मैं जेल में नहीं रहना चाहता था, इसलिए ‘स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन’ (रूस की यूक्रेन आक्रमण की आधिकारिक संज्ञा) के लिए कॉन्ट्रैक्ट साइन किया। मेरा इरादा फ्रंटलाइन पर पहुंचकर भाग जाना था।”
सितंबर 2025 में 16 दिनों की बेसिक ट्रेनिंग (राइफल हैंडलिंग, ग्रेनेड फेंकना और शूटिंग) के बाद 1 अक्टूबर को उसे पहली कॉम्बैट मिशन पर भेजा गया। तीन दिनों के बाद कमांडर से झगड़े के बाद उसने हथियार फेंक दिया और 2-3 किमी दूर यूक्रेनी ट्रेंच पर सरेंडर कर दिया। वीडियो में वह कहता है, “मैं रूस वापस नहीं जाना चाहता। वहां कोई सच्चाई नहीं है। मैं यहां जेल में रह लूंगा, लेकिन कृपया मुझे भारत भेज दो।” उसने वादा किया गया वित्तीय मुआवजा न मिलने की भी शिकायत की।
भारतीय सरकार की प्रतिक्रिया: जांच जारी, कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं
MEA ने कहा कि रिपोर्ट की सत्यता की जांच की जा रही है। एक सरकारी अधिकारी ने बताया, “अभी तक यूक्रेनी पक्ष से कोई औपचारिक सूचना नहीं मिली है।” भारतीय दूतावास कीव दावे की पुष्टि करने का प्रयास कर रहा है। यह घटना रूस द्वारा विदेशी नागरिकों (खासकर भारतीयों) को सेना में भर्ती करने के बढ़ते मामलों को उजागर करती है। सितंबर 2025 में भारत ने रूस से 12 भारतीय नागरिकों की रिहाई सुनिश्चित की थी, जो जबरन भर्ती किए गए थे। MEA ने भारतीयों को रूस यात्रा से पहले सतर्क रहने की सलाह दी है।
यह पहला ऐसा मामला नहीं है। यूक्रेनी सेना ने पहले नेपाल, श्रीलंका, कजाकिस्तान और यमन के नागरिकों को पकड़ने का दावा किया है, जो रूस द्वारा जेल सजा के बदले भर्ती किए गए थे। भारत ने रूस से अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी की मांग की है।