
छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में एक दर्दनाक हादसे ने एक परिवार को तबाह कर दिया। दरभा थाना क्षेत्र के कांगेर घाटी में तेज बारिश के कारण उफनते कांगेर नाले में एक कार बह गई, जिसमें सवार तमिलनाडु के एक परिवार के चार लोगों—राजेश (43), उनकी पत्नी पवित्रा (40), और उनकी दो बेटियों सौजन्या (7) व सौम्या (4)—की मौत हो गई।

यह परिवार रायपुर से तीरथगढ़ जलप्रपात घूमने जा रहा था। हादसे में कार का ड्राइवर तैरकर और पेड़ का सहारा लेकर बच गया। इस घटना ने स्थानीय समुदाय और पर्यटकों को झकझोर दिया है, और यह तेज बहाव में लापरवाही के खतरों को उजागर करता है।
हादसा मंगलवार दोपहर को हुआ, जब राजेश का परिवार रायपुर से तीरथगढ़ जलप्रपात की सैर के लिए निकला था। राजेश रायपुर में ठेकेदारी का काम करते थे और अपने परिवार के साथ छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल का आनंद लेने जा रहे थे। कांगेर घाटी के पास पहुंचते ही भारी बारिश के कारण नाले में बाढ़ का तेज बहाव था। पुलिस के अनुसार, परिवार ने जल्दबाजी में उफनते नाले को पार करने की कोशिश की, जिसके कारण कार बह गई।
दरभा पुलिस और रेस्क्यू टीम ने घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद चारों शवों को बरामद किया और पोस्टमॉर्टम के लिए मेकाज अस्पताल, जगदलपुर भेजा। ड्राइवर की जान तैरकर और पेड़ का सहारा लेकर बच गई, लेकिन परिवार के चारों सदस्यों की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने प्रारंभिक जांच में इसे लापरवाही का परिणाम बताया, क्योंकि नाले का बहाव खतरनाक स्तर पर था।
तीरथगढ़ जलप्रपात और जोखिम
तीरथगढ़ जलप्रपात, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित, 35-38 किमी की दूरी पर जगदलपुर से दक्षिण-पश्चिम में है। यह 91 मीटर ऊंचा ब्लॉक-टाइप जलप्रपात अपनी प्राकृतिक सुंदरता और तीन-स्तरीय संरचना के लिए प्रसिद्ध है। मानसून (जुलाई-सितंबर) के दौरान जलप्रपात अपने पूर्ण प्रवाह में होता है, लेकिन इस समय क्षेत्र में फिसलन और बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है। कांगेर नाले जैसे जलमार्ग, जो कांगेर नदी का हिस्सा हैं, भारी बारिश में खतरनाक हो जाते हैं, जैसा कि इस हादसे में देखा गया।
ट्रिपएडवाइजर की समीक्षाओं के अनुसार, तीरथगढ़ जलप्रपात तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां और जंगल के रास्ते हैं, जो बुजुर्गों और बच्चों के लिए जोखिम भरे हो सकते हैं। मानसून में सड़कों और नालों के पास सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है, क्योंकि फिसलन और बाढ़ का खतरा रहता है। इस हादसे ने पर्यटकों के लिए सुरक्षा दिशानिर्देशों की आवश्यकता को रेखांकित किया है।
सरकारी और सामुदायिक प्रतिक्रिया
दरभा पुलिस ने तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया, लेकिन भारी बारिश और तेज बहाव ने बचाव कार्य को जटिल बना दिया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और लापरवाही के पहलुओं की पड़ताल कर रही है। छत्तीसगढ़ सरकार ने हाल के वर्षों में कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान और तीरथगढ़ जैसे स्थानों को पर्यटन के लिए बढ़ावा दिया है, लेकिन इस हादसे ने क्षेत्र में सुरक्षा उपायों और आपातकालीन सेवाओं की कमी को उजागर किया।