हाईकोर्ट के फैसले से पर्यटक मायूस तो युवा हुए बेरोजगार

रिपोर्ट-सुनील बोरा

नैनीताल। प्रदेश में हाईकोर्ट द्वारा पैराग्लाइडिंग, राफ्टिंग और वाटर स्पोर्टस पर लगी रोक के बाद नैनीताल समेत उसके आस-पास के पर्यटक स्थलो में एक दम सन्नाटा पसरा है।जिसके कारण लोग इन पर्यटक स्थलों से मायूस हो कर वापस जा रहे है।

पर्यटक

नैनीताल के भीमताल, नौकुचियाताल, पाड़ेगाव, पैराग्लाइडिंग और वाटर स्पोर्टस के लिए पर्यटको की पहली पसंद हुआ करता था और यहां साल भर पर्यटको का ताता लगा रहता था। पर्यटक यहां की सुन्दरता के साथ-साथ यहा के प्राकृतिक वातावरण का भी आनंद लेने नैनीताल के इन पर्यटका स्थलो मे आते थे। जिससे  युवाओ को रोजगार भी मिलता था। मगर कोर्ट के आदेश के बाद इन पर्यटक स्थलो से पर्यटक से नदारद हो रहे है। वहीं सैकड़ो युवा भी बेरोजगार हो गए है और उनके सामने रोजी रोटी का भी संकट पैदा हो गया है।

वही युवाओं का कहना है कि उनके द्वारा लाखों रूपए का ऋण बैंक से लेकर अपना कार्य शुरू किया था मगर ठीक पर्यटन सीजन में एडवेंचर एक्टिविटी बंद होने से वह बैंक की किस्त चुकाने में भी असमर्थ है।

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ऋषिकेश निवासी हरिओम कश्यप ने 2014 में नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि प्रदेश में एडवेंचर स्पोर्टस के नाम पर लोग नदियों में  कैंपिंग कर रहे है। जिससे नदियां गंदी हो रही है और पेड़ो की अवैध कटान कर रहे है जिसको सुनने के बाद नैनीताल हाईकोट की खंडपीठ ने पैराग्लाइडिंग, राफ्टिंग और वाटर स्पोर्टस पर रोक लगा दी थी साथ ही सरकार को 2 सप्ताह में इन खेलों के लिए नीति बनाने के भी आदेश दिए थे।

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