आज है चातुर्मास चौदस (शिव चतुर्दशी) , क्या करें कि पूरी हो मनोकामना

आज गुरुवार 26 जुलाई 2018 को आषाढ़ महीने की शुक्ल चतुर्दशी के उपलक्ष्य में चातुर्मास चौदस का पर्व मनाया जाएगा। चातुर्मास 4 महीने की अवधि है, जो आषाढ़ शुक्ल एकादशी से प्रारंभ होकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक चलता है।

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इन 4 माह को व्रतों का उत्सव इसलिए कहा गया है कि इन 4 माह में जहां हमारी पाचनशक्ति कमजोर पड़ती है वहीं भोजन और जल में बैक्टीरिया की तादाद बढ़ जाती है। यह 4 माह हैं श्रावण, भाद्रपद, आश्‍विन व कार्तिक। इन 4 माह में विवाह संस्कार, गृह प्रवेश आदि सभी मंगल कार्य निषेध माने गए हैं।

क्या न खाएं- श्रावण में पत्तेदार सब्जियां, भाद्रपद में दही, आश्विन में दूध, कार्तिक में प्याज, लहसुन व उड़द का त्याग कर दिया जाता है। इन महीनों में व्यक्ति को पूर्णतः सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए।

क्या है मान्यता – पुराने समय की मान्यतानुसार चौमासी चौदस महेश्वर को अति प्रिय है। चतुर्दशी शिव-शक्ति के मिलन का विशेष पर्व है। मान्यतानुसार चतुर्दशी के प्रदोष काल में ही सभी ज्योतिर्लिंगों का प्रादुर्भाव हुआ था। पौराणिक मान्यतानुसार दिव्य ज्योर्तिलिंग का उदभव भी चतुर्दशी तिथि को माना जाता है। भविष्यपुराण के अनुसार प्रत्येक महीने के कृष्ण व शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को शिव चतुर्दशी कहते हैं।

कैसे करें पूजन – पूजा की शुरुआत करने से पहले व्यक्ति को पूर्ण रूप से स्वछता का ध्यान रखना चाहिए। घर की पूर्व दिशा में पीले रंग का कपड़ा बिछाकर पारद शिवलिंग या शिव यंत्र का विधिवत पूजन करें।

घी में हल्दी मिलाकर दीपक करें, चंदन से धूप करें, पीले चंदन से तिलक करें, पीले फूल चढ़ाएं व केसर की खीर का भोग लगाएं तथा पपीते का फलाहार चढ़ाएं। रुद्राक्ष की माला से 108 बार यह विशेष मंत्र जपें। पूजन के बाद भोग प्रसाद स्वरूप सभी में वितरित करें।

मंत्र और शुभ मुहूर्त – “वृं वृत्ता-वृत्त-कराय नमः शिवाय वृं॥” मंत्र का जाप करना चाहिए

शुभ मुहूर्त शाम 17:35 से शाम 18:35 तक है।

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