तिरुपति लड्डू विवाद: चंद्रबाबू नायडू ने कहा, लैब रिपोर्ट में ‘पशु चर्बी’ के इस्तेमाल की पुष्टि के बाद किसी को नहीं बख्शा जाएगा
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी सुप्रीमो एन चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को आरोप लगाया था कि पिछली वाईएसआरसीपी सरकार ने पवित्र मिठाई तिरुपति लड्डू बनाने में घटिया सामग्री और पशु वसा का इस्तेमाल किया था।
विश्व प्रसिद्ध तिरुपति लड्डू की तैयारी में घटिया सामग्री और पशु वसा के उपयोग की प्रयोगशाला रिपोर्ट की पुष्टि के बाद, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि इस अनियमितता में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। कथित लैब रिपोर्ट में नमूनों में “लार्ड” (सूअर की चर्बी से संबंधित) और मछली के तेल की मौजूदगी का भी दावा किया गया है। सैंपल प्राप्ति की तारीख 9 जुलाई, 2024 थी और लैब रिपोर्ट 16 जुलाई की थी। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने गुरुवार को कथित अनियमितता की जांच की मांग की।
सीएम चंद्रबाबू नायडू ने कहा, “इस अनियमितता में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुझे जो लैब रिपोर्ट मिली है, उससे यह स्पष्ट है कि प्रसाद की गुणवत्ता से समझौता किया गया था, अशुद्ध वस्तुओं की मिलावट की बात सामने आई है। इन सबके लिए जिम्मेदार कुछ लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। कुछ लोगों को काम से भी हटा दिया गया है। प्रसाद की शुद्धता को ध्यान में रखते हुए अब शुद्ध घी का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस कार्रवाई से श्रद्धालु भी संतुष्ट हैं।” उन्होंने आगे कहा कि इस संबंध में जांच की जा रही है। घटना से जुड़े सबूत जुटाए जा रहे हैं।
‘सनातन धर्म’ का अपमान बंद करो: पवन कल्याण
सनातन धर्म को बचाने की अपील करते हुए उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने ट्वीट किया, “तिरुपति बालाजी प्रसाद में पशु वसा (मछली का तेल, सूअर की चर्बी और गाय की चर्बी) मिलाए जाने की बात से हम सभी बहुत परेशान हैं। तत्कालीन वाईसीपी सरकार द्वारा गठित टीटीडी बोर्ड को कई सवालों के जवाब देने होंगे।
उन्होंने कहा ”हमारी सरकार हरसंभव सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन, इससे मंदिरों के अपवित्रीकरण, भूमि संबंधी मुद्दों और अन्य धार्मिक प्रथाओं से जुड़े कई मुद्दों पर प्रकाश पड़ता है। अब समय आ गया है कि पूरे भारत में मंदिरों से जुड़े सभी मुद्दों पर गौर करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर ‘सनातन धर्म रक्षण बोर्ड’ का गठन किया जाए।”