पंजाब के कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और कुछ अन्य नेताओं द्वारा खुले तौर पर कैप्टन को हटाए जाने की मांग उठी है। जिसके बाद एक बार फिर पंजाब की राजनीति में भूचाल आ गया। मंगलवार को उठे इस सियासी तूफान के बाद अब पंजाब के कुछ विधायकों ने उत्तराखंड की राजधानी देहरादून का रुख किया। क्योंकि राज्य प्रभारी हरीश रावत इस समय देहरादून में हैं।

कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने बुधवार को कहा, हमारे 4 वरिष्ठ मंत्रीगण और 3 विधायक यहां आए, उन्होंने अपनी चिंता बताई। वो पार्टी की जीत की संभावनाओं को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि हमारा विरोध किसी व्यक्ति से नहीं है। हम चाहते हैं कि चुनाव में हम एक स्पष्ट रोडमैप के साथ जाएं। ज़िला और राज्य प्रशासन की कार्य पद्धति को लेकर उनकी कुछ शिकायतें भी हैं।
कांग्रेस का कोई विधायक अगर अपने को असुरक्षित समझता है और समझता है कि प्रशासन उसको हराने की कोशिश कर सकता है या उसके ख़िलाफ काम कर सकता है तो ये बहुत चिंताजनक बात है। उन्होंने कहा कि अगर किसी को किसी से कोई नाराज़गी है तो नाराज़गी कांग्रेस के रास्ते में नहीं आनी चाहिए। कांग्रेस के लिए बहुत आवश्यक है कि वो पंजाब में मिलकर चुनाव लड़े। मंत्रीगणों ने, विधायकों ने मुझे आश्वासन दिया कि उनका पार्टी में और पार्टी हाईकमान में पूरा विश्वास है।
पंजाब कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा, हम पंजाब के लोगों और पंजाब के विधायकों की भावनाओं को लेकर हरीश रावत से मिलने आए थे। वे हमारी बातों से संतुष्ट हैं। हम पंजाब के वे मसले जो हल नहीं हो रहे उन्हें लेकर यहां आए हैं। इन्होंने हमारी बात सुनकर हाईकमान से बात करने की बात की है।
बता दें कि इससे पहले नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब कांग्रेस का प्रधान बनने के बाद यह माना जा रहा था कि पार्टी के सभी अंदरूनी विवाद शांत हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। कैप्टन अमरिंदर सिंह और सिद्धू खेमे के बीच चिंगारी और भड़क गई है।
कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने मंगलवार को अपने आवास पर कैप्टन अमरिंदर सिंह विरोधी कांग्रेस नेताओं की बैठक बुलाई थी। इस दौरान खुले तौर पर कैप्टन को हटाए जाने की मांग उठाई गई थी। जिसके बाद सभी ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू से मुलाकात की थी।