हिमाचल में हजारों लोग अभी भी फंसे, राहत व बचाव अभियान जारी
शिमला। हिमाचल प्रदेश में मौसम साफ होने के साथ गुरुवार को यहां फंसे एक हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित निकालने का काम तीसरे दिन सुबह से शुरू कर दिया गया। फंसे हुए लोगों में अधिकांश पर्यटक हैं। एक अधिकारी ने बताया कि लाहौल घाटी में बचाव अभियान को तेज करने के लिए भारतीय वायुसेना के तीन हेलीकॉप्टरों के साथ-साथ दो चेतक हेलीकॉप्टर भी तैनात किए गए हैं। अभियान सुबह सात बजे शुरू हुआ था।
करीब 500 लोग अभी भी केलांग-लेह सड़क स्थित सूरज ताल लेक और जिंगजिंग बार इलाकों में फंसे हैं। रक्षा मंत्रालय के सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के करीब 300 श्रमिक भी 22 सितम्बर से हुई भारी बारिश की वजह से भूस्खलन की घटनाओं के कारण फंस गए हैं।
यह भी पढ़ें:- कामतानाथ मंदिर के दरबार में राहुल, पुजारी के जरिए की भगवान से डील
बीआरओ फंसे हुए लोगों तक भोजन और दवाई पहुंचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है। राज्य की अतिरिक्त मुख्य सचिव मनीषा नंदा ने बताया कि बुधवार तक 898 लोगों को निकाल लिया गया जिनमें 12 विदेशी शामिल हैं।
राहत-बचाव अभियान की निगरानी कर रहीं नंदा ने कहा, “पिछले दो दिनों में रोहतांग सुरंग के माध्यम से सड़क मार्ग से 700 से ज्यादा लोगों को बचाया गया है। इसके अलावा हम सड़क मार्ग से ही गुरुवार को 200 लोगों और निकालने की उम्मीद कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि कुंजुम दर्रे पर भोजन के पैकेट गिराए जा रहे हैं। बड़ालाचा दर्रे में फंसे हुए ज्यादातर लोग मनाली से जम्मू-कश्मीर के लेह के बीच की यात्रा पर हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि भारी बारिश के कारण राज्य में 1,250 करोड़ का नुकसान हुआ है।
यह भी पढ़ें:- Ayodhya Case: जजों की सहमति से लिया गया बड़ा फैसला, अब बस इस तारीख का करें इन्तजार
इस पर मोदी ने राज्य को केंद्र सरकार से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया था। हिमाचल प्रदेश में 22 सितम्बर से 24 सितम्बर तक भारी बर्फबारी और बारिश की वजह से काफी नुकसान हुआ है। कुल्लू और लाहौल-स्पीति जिले बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। बीआरओ युद्धस्तर पर कई सड़कों से बर्फ हटाने के काम में लगा हुआ है।
देखें वीडियो:-