जानिए उस बाबा के बारें में, जो नाक से बजाते हैं बांसुरी

बांसुरीनई दिल्ली। भारत एक ऐसा देश है जो अपनी कला और संस्कृति के लिए पूरे विश्व में एक विशेष स्थान रखता है। शायद इसी वजह से यहां हुनर की कमी नहीं है। एक से बड़ कर एक हुनरमंद अपनी प्रतिभा से पूरे विश्व भर में भारत देश का नाम रोशन कर रहे हैं। कुछ ऐसे ही अनोखे हुनर के बारें में आज हम आपको बताने जा रहे हैं।

दरअसल बिहार के मनोहरपुर गांव के गोरेलाल कव्वाल कला और अद्भुत प्रतिभा के धनी है। गोरेलाल के पास एक एक ऐसा हुनर है जिससे हर कोई उनकी प्रशंसा करते हुए नजर आता है।

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क्योंकि गोरेलाल बांसुरी अपने होठों से नहीं बल्कि नाक से बजाते हैं। जी हां, कई सुरों व गानों की धुन पर जब वे नाक से बांसुरी बजाते है तो लोग उन्हें देखकर दांतो तले उंगली दबा लेते हैं।

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वहीं गोरेलाल कव्वाल ने बताया कि बचपन से उनकी गीत-संगीत मे रुचि थी। लोगों को मुंह से बांसुरी बजाते देख उन्होंने भी कुछ अलग करने की बात सोची। कुछ अलग करने की चाह में वो नाक से बांसुरी बजाने की कला सीखनें मे लग गए और विगत कई वर्षों से इस कला से सबको चकित कर रहे हैं।

बता दें कि अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए गोरेलाल अपने गांव मनोहरपुर में चाय-नाश्ता की दुकान भी लगाते हैं। बांसुरी के साथ-साथ गोरेलाल तबला, हारमोनियम, नाल बजाने में भी महारत हासिल कर रखे हैं।

फिलहाल गोरेलाल अपने गीत-संगीत का प्रर्दशन छोटे-छोटे शहरों मे कई बार कर चुके है, लेकिन आज तक उनकी प्रतिभा का उचित मुकाम नही मिल पाया।

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