दवाओं से ज्यादा बाइपोलर डिसऑडर के लिए ये इलाज है कारगर, चुटकियों में सही होगी बीमारी

आप सभी ने ही कई मानसिक रोगों के बारे में सुना और देखा होगा। लेकिन क्या आपने कभी भी बाइपोलर डिसऑडर के बारे में कुछ सुना हैं। दरअसर, यह एक मानसिक विकार है जो इंसान को गंभीर मिजाज का बना देता है। आइये जानते हैं इस बीमारी के बारे में।

बाइपोलर डिसऑडर

बाइपोलर डिसऑडर में व्यक्ति गंभीर मिजाज का हो जाता है। उसे पता ही नहीं चलता कि कब क्या करना है। ऐसे लोग अपने काम भी पूरी तरह से नहीं कर पाते हैं। अक्सर उन्हें लोगों को पहचानने तक में भी दिक्कत होती है।

बाइपोलर डिसऑर्डर क्‍या है

यह एक मानसिक बीमारी है इसका असर कई महीनों तक रहता है। ऐसा देखा गया है कि यह बीमारी बढ़ती ही जा रही है। यह बीमारी महिलाओं और पुरुषों दोनों में ही किसी भी उम्र में हो सकती है। यहां तक कि यह बीमारी बच्चों को भी अपना शिकार बना रही है। इस बीमारी में पीड़ित इंसान के दो रूप देखने को मिलते हैं। पहला उच्च स्तर और दूसरा निम्न स्तर । पहले में होने में दुखी रहना, आत्मविश्वास की कमी, चिड़चिड़ापन होना, आत्महत्या की इच्छा करना और ऊर्जा में कमी होना आदि । निम्न स्तर के होने में व्यक्ति में बहुत अधिक खुशी, नींद की जरूरत घटना, बहुत अधिक बोलना, जोखिम लेना, अति आत्मविश्वास होना, बहुत अधिक जोश में रहना, आदि लक्षण दिखते हैं।

दोस्‍त की मदद करें

इस बीमारी से ग्रस्त दोस्तों की मदद करना काफी मुश्किल होता है। लेकिन उनको अगर आप प्यार से कुछ भी समझाते हैं तो वह उसे समझ भी लेते हैं। कई बार आपके दोस्त आप पर गुस्सा भी कर सकते हैं और झुंझला भी सकते हैं। अगर दवाओं के साथ उन्हें अपनो का प्यार भी मिले तो इस रोग से जल्द ही छुटकारा पाया जा सकता है।

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सांत्वना दें

अपने दोस्तों को इस माहौल से लड़ने की शक्ति दें। उन्हें हर छोटी बड़ी बात को समझाएं। अगर उसके द्वारा किया गया काम सही न हो तब भी उसकी तारीफ कीजिए। उनकी हर कदम हर पल सहायता करें।

भावनाओं को समझें

हमेशा कोशिश करें कि अपने दोस्तों की भावनाओं को समझें। उनकी मानसिक स्थिति समझते हुए उनके प्रति अच्छे से व्यवहार करें। उनकी कुछ अजीबों गरीब बातों को भी आपको समझना होगा।

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धैर्य बहुत जरूरी है

इसके उपचार में एक या दो दिन का नहीं बल्कि कई महीनों तक का भी समय लग जाता है। ऐसे में हमेशा अपने दोस्तों के साथ रहना शायद थोड़ा मुश्किल होगा। क्योंकि कभी-कभी आप अपना धैर्य खोने लगते हैं। बाइपोलर डिसऑर्डर को रोगियों का मजज करने के लिए अपने अंदर धैर्य की बहुत आवश्यकता है। खुद पर जितना हो सके काबू रखें।बाइपोलर डिसऑर्डर के मरीजों को दवा से ज्यादा प्यार की मदद होती है। अगर आप अपने अपनों की हर संभव मदद करते हैं तो उनको इस बीमारी से निकलने में काफी हद तक मदद मिलती है।

 

 

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