आँखों में जलन और रेडनेस रोकने के इन नैचुरल तरीकों को अपनाकर पाएं जल्द आराम

अगर आपकी आँखों में भी जलन या रेडनेस होती है तो आप आई सिंड्रोम या ड्राई आई सिंड्रोम से पीड़ित हो सकते हैं। जब टिअर ग्लैंड्स आँखों को लुब्रिकेट करने में असमर्थ होती हैं, इसे ही ड्राई आई सिंड्रोम कहते हैं। वातानुकूलित स्थानों में रहने से, लंबे समय तक कंप्यूटर स्क्रीन पर काम करने से या ख़राब रोशनी से आँखों में नमी की कमी हो सकती है। कुछ चिकित्सीय स्थितियाँ, हार्मोनल असंतुलन, एलर्जी और उम्र बढ़ना भी आँखें ड्राई होने के कारण हो सकते हैं। आइये जानते हैं आँखों की रेडनेस से छुटकारा पाने और आँखों की रोशनी बढ़ाने के घरेलू उपायों के बारे में।

हाइड्रेशन –

डिहाइड्रेशन से ड्राई आई और आँखों में जलन हो सकती है। कॉफ़ी, शराब, या अन्य कैफ़ीनयुक्त पेय पदार्धो का सावन कम करें जो शरीर को डिहाइड्रेट करती हैं। तरबूज़, आड़ू, खीरा, स्ट्रॉबेरी आदि जैसे पानी से भरपूर फलों का सेवन करने से आँखों की ड्राईनेस में कमी आ सकती है। सादा पानी पियें और हाइड्रेटेड रहें, इससे प्राकृतिक आँसू और तेल की एक स्वस्थ मात्रा का उत्पादन करने में मदद मिलती है।

फैटी एसिड का सेवन

ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर फ़ूड्स को अपनी डाइट में शामिल करने से आँखों की ऑयल फ़िल्म में सुधार होता है और स्नेहन बढ़ता है और यह आँखों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। ओमेगा-3 से भरपूर कुछ फ़ूड्स में अलसी, अंडे, चिया बीज, वसायुक्त मछली, अख़रोट, अंडे आदि शामिल हैं।

ब्लिंकिंग

पलकें झपकाने से आँखों को प्रोटीन युक्त पोषक तत्वों से नम करने और जलीय परत के वाष्पीकरण को कम करने में मदद मिलती है। प्रति मिनट 15-30 बार पलकें झपकानी चाहिए। बार-बार पलकें झपकाने से टिअर फिल्म की स्थिरता बनी रहती है और आँखों की ड्राईनेस से राहत मिलती है। कंप्यूटर पर काम करते वक़्त हर 20 मिनट में अपनी आँखों को 20 सेकंड के लिए आराम दें।

आंखों को धोना –

आँखों को धोने के बाद एक साफ़ वॉशक्लॉथ को गर्म पानी से गीला करके कम से कम 1 मिनट के लिए अपनी आँखों पर रखें। इससे ग्रंथियों में बंद तेल को ढीला करने और सूजन को कम करने में मदद मिलेगी, जिससे जलन कम हो सकती है।

धूप क चश्मे का इस्तेमाल –

रैपराउंड धूप का चश्मा पहनने से धूल, धुएं और प्रदूषकों से आँखों का संपर्क को कम होता है और आँखों का सूखने कम होता है। चश्मा आँखों को सूरज की हानिकारक यूवी प्रकाश से भी रोकता है और मैकुलर डिजनरेशन के जोख़िम को कम करता है। धूल, धुएं और प्रदूषकों के संपर्क में आने से आँखें शुष्क हो जाती हैं।

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