सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “जलाओ पटाखे पर रहे ध्यान इतना…”

नई दिल्ली| सर्वोच्च अदालत ने मंगलवार को अहम फैसला सुनाते हुए पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाने वाले पटाखों के उत्पादन एवं बिक्री की अनुमति दी, जिनसे कम उत्सर्जन हो। दिवाली के दिन रात आठ से रात 10 बजे तक ही पटाखे जलाने की मंजूरी है।

जस्टिस ए.के. सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने हरित नियमों पर खरा नहीं उतरने वाले पटाखों को जलाने पर प्रतिबंध लगाया है, जो पूरे साल लागू रहेगा। यह नियम नए साल के जश्न और शादी-समारोहों में भी लागू रहेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "जलाओ पटाखे पर रहे ध्यान इतना..."

उच्चतम न्यायालय ने ‘पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाने वाले’ पटाखों के उत्पादन एवं बिक्री की अनुमति दी  दिवाली के दिन पटाखे जलाने के लिए न्यायालय ने रात 8 से 10 बजे का समय तय किया है। फ्लिपकार्ट और एमेजन जैसी वेबसाइट्स को पटाखो की बिक्री करने से रोक दिया है। यदि वह ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें अदालत की अवमानना का जिम्मेदार माना जाएगा।

न्यायालय ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह दिल्ली-एनसीआर स्थित समुदाय को दीवाली और अन्य त्योहार पर पटाखे ना जलाने के लिए प्रोत्साहित करे। न्यायालय ने अनुमेय सीमा पार करने वाले पटाखे बेचने पर रोक लगाई है।

वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने कि लिए देशभर में पटाखों के उत्पादन औप बिक्री पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका दायर की गई थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने मंगलवार को इसपर अहम निर्देश जारी किए। इससे पहले जस्टिस एके सीकरी और अशोक भूषण की पीठ ने 28 अगस्त को मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था।

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इससे पहले सर्वोच्च अदालत ने कहा था कि याचिका पर फैसला देते समय पटाखा निर्माताओं के जीवनयापन के मौलिक अधिकार और देश के 1.3 अरब लोगों के स्वास्थ्य अधिकार समेत सभी पहलुओं पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। पिछले साल 9 अक्तूबर को दिवाली से पहले कोर्ट ने पटाखों की बिक्री पर अस्थायी प्रतिबंध लगाया था।

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