एशियाई खेलों में स्वर्ण पर निशाना साधने वाले सौरभ की कहानी, देश का यह तीसरा स्वर्ण पदक

नई दिल्ली| भारत के 16 वर्षीय निशानेबाज सौरभ ने पदार्पण करने के साथ ही स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया। यह भारत की झोली में तीसरे दिन गिरा कुल तीसरा स्वर्ण पदक है।
एशियाई खेलों में स्वर्ण पर निशाना साधने वाले सौरभ की कहानी, देश का यह तीसरा स्वर्ण पदक
किसान जगमोहन सिंह के बेटे सौरभ चौधरी ने कक्षा चार में रहते हुए शूटिंग में दिलचस्पी दिखाई, जिसके बाद पिता ने बागपत के बिनौली में स्थित वीर सहामल राइफल क्लब में शूटिंग की ट्रेनिंग के लिए भेजा। वहां कोच अमित श्योरन ने ट्रेनिंग दी। सौरभ प्रतिदन गांव से ऑटो द्वारा सुबह सात बजे शूटिंग क्लब पहुंच जाते और आठ नौ घंटे से भी ज्यादा अभ्यास करते।
सौरभ ने जून माह में भारतीय निशानेबाज सौरभ चौधरी ने जर्मनी के सुहल में आईएसएसएफ जूनियर विश्व कप में विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए स्वर्ण पदक हासिल किया था। सौरभ ने 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में 243.7 अंक जुटाकर कोरिया के खिलाड़ी लिम होजिन को हराया था। जर्काता में उनकी जीत पर उनके कोच अमित श्योरण ने खुशी जताई। वहीं साथी खिलाड़ियों के बीच खुशी को माहौल है। सौरभ के परिजनों ने उनकी इस शानदार कामयाबी पर मिठाईयां बांटकर जश्न मनाया।
भारत ने मौजूदा एशियाई खेलों में शूटिंग स्पर्धा से पहला गोल्ड मेडल जीता। चौधरी का अंतिम-2 में मुकाबला जापान के मत्सुदा से था। जापानी निशानेबाज का दो में से पहला शॉट 8.9 पर जाकर लगा, जिससे भारतीय निशानेबाज को लाभ मिला। सौरभ ने इस मौके को जाने नहीं दिया और दोनों हाथों से लपकते हुए देश को खुशियां दी। 16 वर्षीय सौरभ ने फाइनल में 240.7 का स्कोर किया और शीर्ष पर रहते हुए गोल्ड मेडल जीता।
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