भीषण गर्मी ने हार्ट-अटैक का बढ़ाया खतरा, पूरी नींद न ले पाने वाले रहें सावधान

भयानक गर्मी और धधकती धूप से नाना प्रकार के बीमारी जन्म ले रहे हैं। इस बदहाल मौसम का असर अस्पतालों में देखने को मिल रहा है। अस्पतालों में एक तरफ जहां उल्टी दस्त, डायरिया, बुखार के मरीज बढ़ रहे हैं, तो वहीं हाई ब्लड प्रेसर के मरीजों की मुश्किलें बढ़ने के कारण वह चिकित्सकों के पास पहुंच रहे हैं।

इस गस्ती भरे गर्मी के चलते बेचैनी, नींद न पूरा होने से रक्तचाप बढ़ने से हार्ट-अटैक का खतरा बढ़ रहा है। चिकित्सक लोगों को तेज धूप व गर्मी से बचने की सलाह दे रहे हैं।

दरअसल सूरज की तपिश व लू ने लोगों की दिनचर्या बेतरतीब कर दी है। न दिन को चैन है, न रात को सुकून। लोगों का वक्त उलझन, बेचैनी में बीत रहा है। इससे उच्च रक्तचाप के मरीजों के लिए खतरा बढ़ रहा है। नींद न पूरा होने से उनमें चिड़चिड़ापन और एकाग्रता में कमी आ रही है। इससे उनका रक्तचाप बढ़ने का खतरा बढ़ गया है।

ऐसे मरीज इन दिनों जिला अस्पताल की ओपीडी में फिजिशियन व चेस्ट फिजिशियन के पास इलाज के लिए पहुंच रहे हैं।चिकित्सक उनको दवा लिखने के अलावा जीवनशैली को संयमित करने की सलाह दे रहे हैं।

इस मामले को लेकर वरिष्ठ चेस्ट फिजिशियन डॉ. प्रवीण शाह का कहना है कि तेज धूप व लू से बचकर रहने की जरूरत है। गर्मी से रात में न लोगों को जल्दी नींद आ रही और न दिन में चैन मिल रहा है।

इससे रक्तचाप बढ़ने की आशंका बढ़ी है। ऐसे में बहुत सतर्क रहना चाहिए। सांस फूलने को नजरअंदाज न करें। पैदल चलने या दो-तीन मंजिल चढ़ने-उतरने से ही सांस फूलने लगती है तो इसको अनदेखा नहीं करना चाहिए।

शरीर के तापमान का संतुलन बनाए रखने के लिए पानी हर आधे घंटे या एक घंटे पर पीएं, तेज धूप में रहने व हीट स्ट्रोक से पसीना बनाने वाली ग्रंथियां सूखने लगती हैं। ऐसे में शुष्क तापमान से बचें।

उन्होंने कहा कि उनके पास इन दिनों ओपीडी में उच्च रक्तचाप के मरीजों के अलावा सांस व हृदय रोग के भी मरीज अधिक आ रहे हैं। इस लिए इन समस्याओं वाले मरीज अपनी पहले से चल रही दवा का नियमित सेवन करते रहें। वो दवा को कतई न छोड़ें।

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